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गुरूवार, 24 अप्रैल, 2025
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पहलगाम आतंकी हमले में मारे गये आंध्र के एक व्यक्ति को अंतिम विदाई दी गयी, लोगों ने श्रद्धांजलि दी

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कावली (आंध्र प्रदेश), 24 अप्रैल (भाषा) कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गये 26 पर्यटकों में शामिल एस. मधुसूदन को बृहस्पतिवार को नेल्लोर जिले में अंतिम विदाई दी गई।

राज्य के विभिन्न मंत्री, सरकारी अधिकारी, मित्र, रिश्तेदार और कई अन्य लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

उनके बेटे को रोते हुए और ‘मिस यू डैडी (आपकी कमी खलेगी पिताजी)’ कहते हुए देखकर कई लोग भावुक हो गए।

उनकी पत्नी ने 22 अप्रैल को हुई त्रासदी को याद करते हुए बताया कि आतंकवादियों ने उनके पति पर गोली चलाने से पहले उनसे पूछा था कि वे किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं।

मधुसूदन (45) बेंगलुरु में रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। वह आंध्र प्रदेश के उन दो मृतकों में शामिल हैं, जिनकी मंगलवार को पहलगाम में अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के दौरान हत्या कर दी गई थी।

जेसी चंद्रमौली हमले के दूसरे पीड़ित हैं, जो विशाखापत्तनम के एक सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी थे। चंद्रमौली का अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह होने की संभावना है।

मधुसूदन अमर रहे के नारों के बीच उनके पार्थिव शरीर को कब्रिस्तान ले जाया गया।

एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि आंध्र प्रदेश के मंत्री सत्य कुमार यादव (स्वास्थ्य) और एन मनोहर (नागरिक आपूर्ति) उनके पार्थिव शरीर को कंधा देने वालों में शामिल थे।

मारे गए सॉफ्टवेयर इंजीनियर को शाम करीब छह बजे बालकृष्ण रेड्डी नगर कब्रिस्तान में दफनाया गया। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को उनके घर से कब्रिस्तान तक जुलूस के रूप में ले जाया गया।

धर्मस्व मंत्री ए रामनारायण रेड्डी, जिला कलेक्टर ओ आनंद, पुलिस अधीक्षक जी कृष्णकांत और अन्य ने भी मधुसूदन को श्रद्धांजलि दी।

इस घटना को याद करते हुए मधुसूदन की पत्नी कामाक्षी ने एक स्थानीय समाचार चैनल को बताया कि जब आतंकवादी उनके पास आए तो वह और उनके पति हाथ जोड़े हुए थे, सिर झुकाए हुए थे और लेटे हुए थे।

कामाक्षी ने कहा, ‘‘गोली चलाने से पहले हमसे दो बार पूछा गया कि हम हिंदू हैं या मुसलमान। हम दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया। तुरंत मैंने गोली चलने की आवाज सुनी। मुझे नहीं लगा कि यह मेरे पति पर चलाई गई है, लेकिन मेरा शरीर (खून से) भीग गया और जब मैंने उनका (मधुसूदन का) चेहरा देखा तो वह खून से लथपथ था।’’

अपने पिता के शव के पास मधुसूदन के पुत्र ने दहाड़ मारकर रोना शुरू किया और कहा, ‘‘कहीं मत जाओ, मेरे साथ रहो पापा। मुझे तुम्हारी याद आती है पापा।’’

उनकी बेटी इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही है, जबकि बेटा हाई स्कूल में है।

मधुसूदन के निधन पर शोक जताते हुए उनके साले ने कहा कि किसी भी भाषा में कुछ भी व्यक्त करने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। अंतरराष्ट्रीय समाज को इसकी निंदा करनी चाहिए। सभी को इसकी निंदा करने में एकजुट होना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि मौत से ज्यादा दुख की बात यह है कि हत्या के लिए धर्म का सहारा लिया गया।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए। पर्यटन स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने के अलावा उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से मधुसूदन की पत्नी को नौकरी देने की अपील की। ​​

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी मधुसूदन को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।

उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला एक दिल दहला देने वाली घटना है जिसे देश कभी नहीं भूलेगा।

कल्याण ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘मैं यहां पीड़ित परिवार को अनुग्रह राशि देने नहीं आया हूं, बल्कि आश्वासन देने आया हूं।’

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल है और इसी विश्वास के साथ लोग राज्य में आ रहे हैं।

अभिनेता-राजनेता के अनुसार, आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनकी आस्था के बारे में पूछताछ करने के बाद उनकी हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार आतंकवादियों को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाएगी।

भाषा सुरेश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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