गुवाहाटी, पांच मार्च (भाषा)केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को एक राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान के प्रतिबिंब के रूप में भाषा की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने साथ ही एक आधिकारिक भाषा और ‘‘भारत के विविध भाषाई परिदृश्य में एक एकीकृत शक्ति’’ के रूप में हिंदी के महत्व पर जोर दिया।
वह गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर में आयोजित पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने सरकारी विभागों, कार्यालयों और बैंक में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच के रूप में सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला।
राय ने कहा कि सरकारी योजनाओं और पहलों को सभी नागरिकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जाना चाहिए, ताकि उन तक समान पहुंच और लाभ सुनिश्चित हो सके। उन्होंने परिचित भाषाओं के उपयोग के माध्यम से सरकार और जनता के बीच मजबूत संबंध के महत्व को रेखांकित किया और इस प्रयास में हिंदी की भूमिका पर जोर दिया।
इस अवसर पर मौजूद असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भारत की भाषाई विविधता के बावजूद, हिंदी विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती है।
इस कार्यक्रम के दौरान विभागीय पत्रिका ‘राजभाषा भारती’ के विशेष संस्करण का लोकार्पण किया गया, साथ ही भारतीय भाषा अनुभाग के लिए विकसित बहुभाषी अनुवाद सॉफ्टवेयर ‘कंठस्थ (3.0)’ के अल्फा संस्करण की भी शुरुआत की गई।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.