जयपुर, 20 सितंबर (भाषा) व्यवसायी ज्ञानचंद अग्रवाल और उसके सहयोगियों पर हाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद, संपत्ति की कथित धोखाधड़ी के पीड़ितों ने फिर से न्याय की मांग करते हुए कहा कि एक साल से भी अधिक समय पहले अदालती हस्तक्षेप के जरिये दर्ज किये गए उनके मामलों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जमीन धोखाधड़ी के सिलसिले में अग्रवाल के खिलाफ 300 से अधिक प्राथमिकी दर्ज हैं।
ईडी ने अग्रवाल और उनके सहयोगियों से जुड़े बड़े पैमाने पर जमीन धोखाधड़ी के मामलों में तीन और चार सितंबर को जयपुर में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया।
ये छापेमारी राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज कई प्राथमिकियों पर आधारित थीं। इन प्राथमिकियों में अग्रवाल पर जाली दस्तावेज तैयार करने और एक ही भूखंड कई खरीदारों को बेचकर निवेशकों से 150 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का आरोप लगाया गया था।
शिकायतकर्ताओं में से एक, मनोज कुमावत ने कहा कि उन्होंने 2016 में अग्रवाल से भूखंड खरीदे थे, लेकिन बाद में पता चला कि रजिस्ट्री किसी और के नाम पर कर दी गई थी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मैंने पुलिस को सूचित किया था कि कुछ लोग मेरी जमीन पर अतिक्रमण करके चहारदीवारी बना सकते हैं। महीनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और इसी बीच चहारदीवारी खड़ी कर दी गई। बाद में पुलिस कहती रही कि वे रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, लेकिन किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। मुझे फोन पर भी बार-बार धमकियां मिल रही हैं। यह एक गिरोह है।’’
एक अन्य पीड़ित, हनुमान चौधरी ने बताया कि उन्होंने 2006 में जमीन खरीदी थी, लेकिन बाद में उसकी रजिस्ट्री किसी और के नाम कर दी गई।
धन्नालाल चौधरी ने आरोप लगाया कि उन्हें भी धमकियां दी गईं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरे नाम पर कोई जाली दस्तावेज हैं, तो मुझे जेल भेज दीजिए। एक साल से मामला बिना सुनवाई के लंबित है। अगर मुझे कुछ हुआ, तो ये लोग जिम्मेदार होंगे। यहां तक कि सरकार भी जवाबदेह होगी।’’
एक अन्य पीड़ित, रामावतार महर्षि ने भी इसी तरह की चिंताएं जताईं।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि तब से राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के कई निवेशक एजेंसी से संपर्क कर रहे हैं और अपनी बकाया राशि की वसूली समेत कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एक ईडी अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें निवेशकों के कॉल आए हैं। कुछ तो हमारे कार्यालय भी आए। निवेशकों ने बताया कि कैसे अग्रवाल और उनके सहयोगियों ने उन्हें लुभावने सौदों का झांसा देकर ठगा।’’
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष अभियान समूह और आतंकवाद रोधी दस्ता) वी. के. सिंह ने कहा कि जमीन धोखाधड़ी के मामलों की जांच अब भी विशेष अभियान समूह के पास है।
उन्होंने कहा, ‘‘एसओजी (विशेष अभियान समूह) लोगों के साथ धोखाधड़ी में शामिल आरोपियों पर शिकंजा कसेगी।’’ अग्रवाल को एसओजी ने 2009 में गिरफ्तार किया था।
जयपुर दक्षिण के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजर्षि राज वर्मा ने कहा कि जमीन धोखाधड़ी के सिलसिले में अग्रवाल के खिलाफ 300 से अधिक प्राथमिकी दर्ज हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इनकी जांच चल रही है। समय-समय पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के अलावा इन मामलों में भी कार्रवाई की जाएगी।’’
नारायण समूह के मालिक अग्रवाल के पास कई कंपनियों और एलएलपी (सीमित दायित्व साझेदारी) के माध्यम से हासिल की गई काफी जमीन है। अग्रवाल पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी, भूमि की बिक्री में धोखाधड़ी और जमीन का अतिक्रमण समेत कई आरोपों के तहत मामले दर्ज हैं।
भाषा संतोष सुभाष
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