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शुक्रवार, 23 मई, 2025
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भूमि के बदले नौकरी ‘घोटाला’ : आरोप पत्र पर संज्ञान के मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा

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नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेने के मामले पर अपना फैसला शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद तीन जून के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया।

न्यायाधीश को 14 मई को सूचित किया गया था कि एजेंसी को कथित घोटाले में प्रसाद पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है।

आरोप है कि यह कथित घोटाला लालू प्रसाद के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आठ मई को धन शोधन मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।

मुर्मू ने सीआरपीसी की धारा 197(1) (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218) के तहत अनुमति दी थी।

न्यायाधीश ने 14 मई को कहा था, ‘ईडी ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त मंजूरी को रिकॉर्ड में लाने के लिए एक आवेदन दायर किया है।’

ईडी की ओर से अधिवक्ता मनीष जैन पेश हुए।

मामले की जांच करने वाली ईडी ने पिछले साल अगस्त में 76 वर्षीय लालू प्रसाद, उनके बेटे व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

जनवरी 2024 में, ईडी ने प्रसाद परिवार के एक कथित सहयोगी अमित कत्याल और प्रसाद के परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था। इस आरोप पत्र में प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटी व सांसद मीसा भारती, एक और बेटी हेमा यादव और दो संबद्ध कंपनियां – ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल थे।

अदालत ने हाल ही में इन दोनों आरोप पत्रों (अभियोजन शिकायतों) का संज्ञान लिया था।

भाषा जोहेब दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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