पुणे, सात नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र में 300 करोड़ रुपये के भूमि सौदे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे के व्यावसायिक साझेदार दिग्विजय पाटिल समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होने के एक दिन बाद शुक्रवार को पाटिल, शीतल तेजवानी और निलंबित राजस्व अधिकारी सूर्यकांत येवाले के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई।
जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने बताया कि कथित गबन, धोखाधड़ी और जालसाजी को लेकर एक नायब तहसीलदार की शिकायत पर पुणे शहर के खड़क पुलिस स्टेशन में नयी प्राथमिकी दर्ज की गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह मामला आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया गया है।
डूडी ने कहा, ‘‘बृहस्पतिवार को, पंजीयक (रजिस्ट्रार) कार्यालय के महानिरीक्षक ने पाटिल, तेजवानी और उप-पंजीयक आर. बी. तारू के खिलाफ (बावधन पुलिस स्टेशन में) गबन और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। हमारी शिकायत के आधार पर आज तहसीलदार येवाले, पाटिल और तेजवानी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया। प्रारंभिक जांच के दौरान, अवैध रूप से ज़मीन के हस्तांतरण की अनुमति देने में निलंबित तहसीलदार की भूमिका का पता लगा, जबकि वह जमीन सरकारी थी।’’
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘इस मामले में, ज़मीन (पुणे के मुंधवा इलाके में स्थित) पर कब्ज़ा करने के लिए, पाटिल ने येवाले को एक आवेदन दिया… येवाले ने अवैध रूप से कब्जेदारों को ज़मीन खाली करने के नोटिस जारी किए। इससे पता चलता है कि वह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने के आदी हैं।’’
इसी प्राथमिकी में पुणे के पास बोपोडी में ज़मीन से जुड़े एक अन्य विवादास्पद सौदे में शामिल छह अन्य लोगों के नाम भी दर्ज हैं।
प्राथमिकी में कहा गया है कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह ज़मीन राज्य कृषि विभाग की थी, फिर भी येवाले ने कथित तौर पर एक आदेश पारित किया जिसके तहत पांच व्यक्तियों का इस पर मालिकाना हक घोषित किया गया।
भाषा अविनाश पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
