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शनिवार, 17 मई, 2025
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भूमि अधिग्रहण : राज्य सरकार जनता और उसके हितों की संरक्षक होती है, उच्चतम न्यायालय ने कहा

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नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा सरकार की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार जनता और उसके हितों की ‘‘संरक्षक’’ होती है।

शीर्ष अदालत कुरुक्षेत्र में आवासीय और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए भूमि के अधिग्रहण से संबंधित मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अप्रैल 2021 के फैसले के बाद दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि राज्य भविष्य में इसका ध्यान रखेगा और अधिग्रहित की गई भूमि का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए करेगा, जिसके लिए इसे अधिग्रहित किया गया है, अन्यथा अधिग्रहण का उद्देश्य विफल हो जाएगा।

पीठ ने 22 पन्नों के अपने फैसले में कहा, ‘‘राज्य सरकार जनता और उसके हितों की संरक्षक होती है तथा प्रभावशाली व्यक्तियों के पक्ष में प्रारंभिक चरण में भूखंड जारी करने के बजाय सार्वजनिक हित को सर्वोपरि माना जाना चाहिए।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि हरियाणा ने 21 अप्रैल, 1987 को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 के तहत एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें सेक्टर 11, कुरुक्षेत्र में विकास और उपयोग के लिए 35.76 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने का इरादा था।

पीठ ने उल्लेख किया कि जिलाधिकारी द्वारा 12 अप्रैल, 1990 को केवल 34.61 एकड़ भूमि के लिए भूमि अधिग्रहण की घोषणा की गई थी और उसके बाद, राज्य द्वारा फरवरी 2002 में छह और 11 सेक्टर में आवासीय, वाणिज्यिक और संस्थागत उद्देश्यों के लिए 126.30 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को लेकर एक और अधिसूचना जारी की गई थी।

पीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अधिनियम की धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी होने से पहले ही, 43 भूमि धारकों की 81.91 एकड़ भूमि को जारी कर दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जब नए क्षेत्रों को विकसित करने के लिए आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्र के रूप में भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, और वह भी शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा, भविष्य की आवश्यकता पर विचार करने की आवश्यकता होती है।

पीठ ने कहा, ‘‘अगले 2025 वर्षों में भविष्य में विस्तार को ध्यान में रखा जाना चाहिए और उस पर विचार किया जाना चाहिए जब क्षेत्र/नए क्षेत्रों के विकास के लिए इतनी बड़ी भूमि का उपयोग आवश्यक हो।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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