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मंगलवार, 10 जून, 2025
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असम के विकास में है भूमि अधिग्रहण बाधा : हिमंत विश्व शर्मा

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(फाइल फोटो के साथ)

गुवाहाटी, 10 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य में परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण एक बड़ी बाधा है।

शर्मा ने दावा किया कि उनके पास फिलहाल एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव हैं, लेकिन भूमि की अनुपलब्धता के कारण परियोजनाएं जमीन पर नहीं उतर पा रही हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों को उद्योगों से होने के लाभों खासकर युवाओं को मिलने वाले रोजगार के अवसरों के बारे में समझाया जाना चाहिए।

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की 11 साल पूरे होने पर यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता शर्मा ने कहा,‘‘कभी-कभी हमें याद नहीं रहता कि पहले यहां क्या था। जिन लोगों ने 2014 से पहले असम को देखा है और अब 2025 में उन्हें फर्क नजर आ रहा है।’’

उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने यह कहकर पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे की उपेक्षा की कि यदि यहां सड़कें विकसित की गईं तो चीनी सेना आसानी से प्रवेश कर सकेगी।

शर्मा ने कहा, ‘‘लेकिन अब हमारे पास अरुणाचल प्रदेश में सबसे अच्छी सड़कें हैं और वहां ट्रेन कनेक्टिविटी में सुधार किया जा रहा है। कोकराझार से भूटान तक रेलवे लाइन होगी।’’

उन्होंने पिछले दशक में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न विकास परियोजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि राज्य में विकास को गति देने के लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘मेरे पास अभी एक लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव है, लेकिन मैं इस पर काम नहीं कर सकता, क्योंकि लोग जमीन देने को तैयार नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों में ताप विद्युत परियोजनाएं, जैव-रिफाइनरियां और बड़ी फैक्टरियां लगाना शामिल है।

उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि निवेश लाने से राज्य को लाभ होगा और इसके युवाओं को अब बाहर कम वेतन वाली नौकरियों की तलाश नहीं करनी पड़ेगी।

शर्मा ने आंध्रप्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार द्वारा 10,000 एकड़ भूमि पर बनाई जा रही अमरावती नई टाउनशिप परियोजना का उदाहरण दिया और कहा, ‘‘और यहां, मैं 500 बीघा भूमि के लिए संघर्ष कर रहा हूं। वहां भी लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन वे इससे मिलने वाले लाभ को प्राथमिकता दे रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टाटा, अदाणी, अंबानी सभी आने के लिए तैयार हैं। अगर मैं अनुमति दूं तो जापान से और भी अधिक निवेश आ सकता है। लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता, क्योंकि उन्हें (भूमि को लेकर) आंदोलन देखना पड़ेगा और इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’

शर्मा ने असम के प्रति मोदी की प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में 35 बार राज्य का दौरा किया है, जो किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा की गई सबसे अधिक यात्रा है, जिसमें मनमोहन सिंह भी शामिल हैं जो यहां से राज्यसभा सदस्य थे।

भाषा

राजकुमार रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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