नई दिल्ली: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले में जमानत दे दी है. कोर्ट में सीबीआई ने लालू परिवार के जमानत का विरोध नहीं किया. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को तय की गई है. लालू परिवार को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. बीते दिनों कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.
#WATCH | Land-for-job case: Lalu Yadav leaves from Delhi's Rouse Avenue Court.
The court grants bail to Rabri Devi, Misa Bharti, him & other accused in the matter and directed every accused to furnish Rs 50,000 personal bail bond & a like amount surety. pic.twitter.com/Qv4ElT6rbN
— ANI (@ANI) March 15, 2023
व्हीलचेयर से कोर्ट पहुंचे लालू यादव
कोर्ट में पेशी के लिए आरजेडी सुप्रीमो व्हीलचेयर पर बैठकर पहुंचे थे. उनके साथ उनकी पत्नी राबरी देवी और बेटी मीसा भारती थी. कोर्ट के अंदर बहस के दौरान लालू प्रसाद मास्क लगाकर बैठे रहें और अपनी पत्नी के साथ बातचीत करते रहे. बहस के दौरान लालू के साथ उनके करीबी राजद नेता जयप्रकाश यादव और प्रेमचंद गुप्ता भी मौजूद थे.
क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने 18 मई 2022 को जमीन के बदले नौकरी मामले को लेकर केस दर्ज किया था. उसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की. बीते साल अक्टूबर में सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की. 6 मार्ट को सीबीआई ने राबड़ी देवी से पूछताछ की. उसके अगले दिन को सीबीआई ने दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू प्रसाद यादव से पूछताछ की.
क्या है सीबीआई के चार्जशीट में
सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट में कहा गया कि लालू प्रसाद ने रेलमंत्री रहते हुए रेलवे में भर्ती के मानदंडों, दिशानिर्देशों की अवहेलना करते हुए अवैध तरीके से नियुक्तियां की. जिन उम्मीदवारो को नौकरी दी गई थी उनके परिवार से काफी कम कीमत में लालू परिवार को जमीन दी गई.
यह मामला लगभग 14 साल पुराना है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. सीबीआई का दावा है कि लोगों को पहले ग्रुप डी के पदों पर भर्ती किया गया था जिसके बदले में उनसे जमीन ली गई थी.
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