दीपोत्सव समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली से पहले की शाम अयोध्या का दौरा करेंगे. इस साल, दीपोत्सव का छठा संस्करण आयोजित किया जा रहा है, और यह पहली बार है कि प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से समारोह में भाग लेने वाले हैं. पीएम मोदी शाम करीब 5 बजे भगवान श्री रामलला विराजमान के दर्शन और पूजा करेंगे. प्रार्थना सत्र के बाद पीएम मोदी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र स्थल का निरीक्षण करेंगे.
पीएमओ ने अपने बयान में कहा, ‘शाम लगभग 5:45 बजे, वह प्रतीकात्मक भगवान श्री राम का राज्याभिषेक करेंगे. लगभग 6:30 बजे, प्रधान मंत्री न्यू घाट, सरयू नदी पर आरती देखेंगे, जिसके बाद भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत होगी.’
PM मोदी के साथ योगी आदित्यनाथ भी दौरे में शामिल होंगे. दोनों के के भव्य स्वागत के लिए सड़कों को तैयार किया गया और अयोध्या की सड़कों को पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों की कट-आउट होर्डिंग तस्वीरों के साथ देखा जा सकता है.
प्रधानमंत्री के आगमन से पहले मुख्यमंत्री राम कथा पार्क में शोभा यात्रा करेंगे. मुख्यमंत्री भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के अवतार और भारत मिलाप कार्यक्रम में शामिल होंगे. योगी आदित्यनाथ सरकार ‘दीपोत्सव’ के आयोजन के माध्यम से न केवल राज्य के आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व को बल्कि ‘धोबिया’ और ‘फरुवाही’ नृत्य कलाकारों को भी बढ़ावा देगी.
सरयू नदी के किनारे ‘दीपोत्सव’ के अवसर पर लाखों ‘दीयों’ (मिट्टी के दीपक) से जगमगाने का इंतजार है.इस अवसर पर 15 लाख से अधिक दीये जलाए जाएंगे. दीपोत्सव के दौरान विभिन्न राज्यों के विभिन्न नृत्य रूपों के साथ पांच एनिमेटेड झांकियां और ग्यारह रामलीला झांकियां भी लगाई जाएंगी. प्रधान मंत्री ग्रैंड म्यूजिकल लेजर शो के साथ-साथ सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी देखेंगे.
अयोध्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तहत एक और भव्य, रोशन दिवाली मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिन्होंने 2017 में अपने पदभार संभालने के पहले वर्ष में ‘दीपोत्सव’ शुरू किया था.अयोध्या में राम जन्मभूमि को अनगिनत देशी और विदेशी फूलों से सजाया गया है.
दीपोत्सव 2022 को और शानदार बनाने के लिए अयोध्या के हर चौराहे को फूलों की रंगोली से सजाया गया है. आयोजन के दौरान ‘धोबिया’, ‘फरुवाही’, ‘राय’ और ‘छाऊ’ जैसे लोक नृत्य के विभिन्न रूपों के माध्यम से उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों की संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा.
राम मंदिर, रामलला और रामायण द्वारों की साज-सज्जा पर काम करने के लिए मथुरा, सीतापुर और अन्य शहरों के विशेष कलाकारों की टीमों को आमंत्रित किया गया है. राम मंदिर को सजाने के लिए चालीस क्विंटल गेंदा और जरबेरा फूलों के 2,000 बंडलों का उपयोग किया गया है.
रंगोली बनाने में छह क्विंटल सफेद, नीले, पीले, बैंगनी और हरे रंग की फूलों की पंखुड़ियों का इस्तेमाल किया गया है. अवध में ‘ब्रज’ के कलाकार राम-कृष्ण की भूमि की संस्कृति, भाषा और अनूठी विशेषताओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे.
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. पर्यटन विभाग ने भी दीपोत्सव के भव्य उत्सव के लिए पवित्र शहर में देश और दुनिया भर के भक्तों और पर्यटकों के स्वागत के लिए कमर कस ली है. रोशनी के त्योहार पर आगंतुकों को इतिहास की गलियों में ले जाने के लिए शहर को रामायण काल के होर्डिंग्स और बैनरों से सजाया गया है.
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