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Wednesday, 16 July, 2025
होमदेश‘लड़की ब्यूटीफुल’ से लोकसभा चुनाव तक—कौन हैं गुरुग्राम फायरिंग में बचे हरियाणा के रैपर राहुल फाजिलपुरिया

‘लड़की ब्यूटीफुल’ से लोकसभा चुनाव तक—कौन हैं गुरुग्राम फायरिंग में बचे हरियाणा के रैपर राहुल फाजिलपुरिया

हिट गानों के लिए मशहूर रैपर और JJP उम्मीदवार फाजिलपुरिया गुरुग्राम की भीड़भाड़ वाली सड़क पर हुए चौंकाने वाले हमले से बाल-बाल बचे. निजी और प्रोफेशनल संघर्षों को पार कर आगे बढ़े राहुल पर हुए हमले की वजह अब तक साफ नहीं है.

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गुरुग्राम: हरियाणवी सिंगर और रैपर राहुल यादव, जिन्हें लोग राहुल फाजिलपुरिया के नाम से जानते हैं और जिन्होंने ‘लड़की ब्यूटीफुल’ जैसे मशहूर गाने गाए हैं, सोमवार रात एक जानलेवा हमले से बाल-बाल बच गए.

अज्ञात हमलावरों ने गुरुग्राम के सेक्टर 71 स्थित सदर्न पेरिफेरल रोड (SPR) पर बादशाहपुर के पास उनकी गाड़ी पर कथित रूप से फायरिंग कर दी.

35 साल के फाजिलपुरिया अपने हिट म्यूजिक ट्रैक्स और हालिया राजनीतिक पारी के लिए जाने जाते हैं. वे इस हमले में सुरक्षित तो रहे, लेकिन काफी हैरान और डरे हुए हैं. हमले की वजह पता लगाने के लिए पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

गुरुग्राम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) संदीप कुमार ने दिप्रिंट से बुधवार को पुष्टि की कि बादशाहपुर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

उन्होंने बताया, “हमने आरोपियों की पहचान कर ली है और ताज़ा जांच में घटना में इस्तेमाल हुई टाटा पंच कार भी बरामद कर ली है. फिलहाल हमले का कारण साफ नहीं है, लेकिन हर एंगल से जांच की जा रही है.”

घटना से पहले की CCTV फुटेज में हमलावरों की कार को राहुल की सफेद महिंद्रा थार के पीछे चलते हुए देखा गया था. हमला करीब शाम 7:30 बजे हुआ था, पुलिस ने क्राइम ब्रांच सहित दो टीमें बनाकर आरोपियों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है.

दिप्रिंट ने राहुल फाजिलपुरिया को कॉल और मैसेज किए थे, लेकिन उन्होंने अब तक जवाब नहीं दिया है. जवाब मिलने पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.


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फाजिलपुर गांव से उभरा ज़मीनी सितारा

10 अप्रैल 1990 को गुरुग्राम के पास स्थित फाजिलपुर गांव में जन्मे राहुल यादव ने अपने गांव के सम्मान में ही खुद को ‘फाजिलपुरिया’ नाम दिया.

राहुल एक संपन्न व्यापारिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उनका संगीत की दुनिया तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है.

राहुल के बचपन में ही पिता का निधन हो गया था, जिससे परिवार पर संकट छा गया, लेकिन राहुल ने हिम्मत नहीं हारी, उन्होंने परिवार के कारोबार की जिम्मेदारी संभाली और साथ ही अपने संगीत के शौक को भी ज़िंदा रखा.

2016 में मां के निधन ने उन्हें और झकझोर दिया, मगर उन्होंने गायकी नहीं छोड़ी. राहुल ने हरियाणवी लोक संगीत और शहरी रैप को मिलाकर एक ऐसा अनोखा अंदाज़ तैयार किया, जिसने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बना दिया.

हिट गानों से मिली शोहरत की ऊंचाई

राहुल फाजिलपुरिया को पहली बड़ी पहचान 2014 में मिली, जब उनका रैपर बादशाह के साथ किया गया गाना ‘लड़की ब्यूटीफुल कर गई चुल्ल’ वायरल हो गया.

यह गाना इतना लोकप्रिय हुआ कि इसे 2016 की बॉलीवुड फिल्म ‘कपूर एंड सन्स’ में भी शामिल किया गया, जिसमें आलिया भट्ट, सिद्धार्थ मल्होत्रा और फवाद खान ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं. गाने के हरियाणवी तड़के और मस्त बीट्स ने इसे करोड़ों दर्शकों की पसंद बना दिया और फाजिलपुरिया को म्यूजिक इंडस्ट्री में मजबूत पहचान दिलाई.

इसके बाद उन्होंने कई और हिट गाने दिए — जैसे फिल्म ‘शादी में ज़रूर आना’ का गाना ‘पल्लो लटके’, जिसमें कृति खरबंदा और राजकुमार राव नज़र आए थे, इस गाने को यूट्यूब पर 35 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

उन्होंने रणदीप हुड्डा की फिल्म ‘लाल रंग’ के लिए ‘खर्च करोड़’ गाना भी गाया और साथ ही ‘2 मनी गर्ल्स’, ‘32 बोर’, ‘जिमी चू’, ‘लल्ला लोरी’ और ‘छोरी मार डालेगी’ जैसे गानों से भी अपनी देसी और अर्बन मिक्स स्टाइल का जलवा दिखाया.

2019 में हरियाणा एंटरटेनमेंट एंड म्यूजिक अवॉर्ड्स में उन्हें बेस्ट रैपर का खिताब मिला, जिसने हरियाणवी और बॉलीवुड म्यूजिक इंडस्ट्री में उनके प्रभाव को और मजबूत किया.

राजनीति में कदम और चुनावी झटका

2024 में फाजिलपुरिया ने राजनीति में किस्मत आजमाई, जब उन्होंने गुरुग्राम लोकसभा सीट से जननायक जनता पार्टी (JJP) के टिकट पर चुनाव लड़ा. यह पार्टी हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अगुवाई में है. फाजिलपुरिया का मुकाबला बीजेपी के राव इंद्रजीत सिंह और कांग्रेस के राज बब्बर जैसे दिग्गज उम्मीदवारों से था. कड़ी टक्कर वाले इस चुनाव में उन्होंने 13,278 वोट हासिल किए और तीसरे स्थान पर रहे. हालांकि, उन्हें जीत नहीं मिली, लेकिन राजनीति में उतरकर उन्होंने यह साफ कर दिया कि वह सिर्फ मंच के कलाकार नहीं, बल्कि जनता से सीधे जुड़ने की इच्छा रखने वाले जनप्रतिनिधि भी बनना चाहते हैं.

विवादों से भी रहा नाता

फाजिलपुरिया का करियर विवादों से अछूता नहीं रहा है. यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता एल्विश यादव के साथ उनकी करीबी दोस्ती 2023 में विवादों में घिर गई, जब दोनों पर एक म्यूजिक वीडियो ’32 बोर’ में दुर्लभ प्रजाति के सांपों और .32 बोर पिस्टल के कथित इस्तेमाल को लेकर मामला दर्ज हुआ.

पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) की शिकायत पर गुरुग्राम पुलिस ने FIR दर्ज की. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फाजिलपुरिया और एल्विश यादव से सांपों के ज़हर और रेव पार्टियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ की थी. इस दौरान फाजिलपुरिया के नाम पर रजिस्टर्ड बिजनौर की तीन एकड़ ज़मीन समेत 58 लाख रुपये से ज़्यादा की संपत्तियां जब्त की गईं.

इससे पहले 2017 में भी वह विवादों में रहे, जब गुरुग्राम में ड्रंक ड्राइविंग के आरोप में उनकी मर्सिडीज कार जब्त की गई और जुर्माना लगाया गया. हालांकि, फाजिलपुरिया ने सफाई दी थी कि उन्होंने शराब नहीं पी थी, बल्कि वोडका फ्लेवर वाला पान खाया था, जिसे ब्रेथ एनालाइज़र ने शराब समझ लिया.

इन तमाम विवादों के बावजूद फाजिलपुरिया ने अपने करियर और छवि पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा है और हंसी-ठिठोली से भरी अपनी खास हरियाणवी स्टाइल के साथ वो लगातार चर्चा में बने हुए हैं.

व्यक्तिगत संघर्ष और हिम्मत की मिसाल

फाजिलपुरिया की निजी ज़िंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव रहे हैं. साल 2016 में उन्होंने गुरुग्राम की रहने वाली हिमानी से लव-कम-अरेंज मैरिज की, लेकिन यह रिश्ता तीन साल के भीतर टूट गया. खबरों के मुताबिक, उनके पेशेवर व्यस्तता और समय की कमी इसके पीछे कारण रही. इन निजी दुखों के बावजूद, फाजिलपुरिया ने खुद को संगीत और व्यापार में पूरी तरह झोंक दिया और अपनी हिम्मत व जज्बे से लोगों का दिल जीता.

साल 2018 में उन्होंने अपने गांव फाजिलपुर में घर के पास संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत की थी और पुलिस सुरक्षा की मांग की थी. उन्होंने दावा किया था कि कुछ अज्ञात बाइक सवार उनका पीछा कर रहे हैं और उनकी कार पर पहले भी हमला हो चुका है.

14 जुलाई 2025 को हुआ हमला उनके पुराने डर को सही साबित करता दिखा. यह हमला कई मायनों में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या (2022) जैसा था, जहां हमलावर दो गाड़ियों—टाटा पंच और टाटा हैरियर—में सवार होकर फाजिलपुरिया की थार का पीछा कर रहे थे.

हालांकि, फाजिलपुरिया ने तेज सूझबूझ दिखाते हुए ट्रैफिक का फायदा उठाकर वहां से भागने में कामयाबी पाई. यह हमला उनके गांव से महज़ एक किलोमीटर दूर, सीएसडी अपार्टमेंट्स के पास हुआ.

इन चुनौतियों के बावजूद, फाजिलपुरिया आज भी अपने संगीत, स्टाइल और जमीनी जुड़ाव के चलते लाखों फैंस के दिलों पर राज कर रहे हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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