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Saturday, 27 September, 2025
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लद्दाख एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया

लेह में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई अराजकता के बीच वांगचुक की गिरफ्तारी हुई है. इन प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने, अन्य मांगों के साथ-साथ, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की भी मांग की थी.

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जोधपुर: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

कल लद्दाख में उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें रात में जोधपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया.

वांगचुक की गिरफ्तारी लेह में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच हुई. वहां प्रदर्शनकारियों ने लद्दाख के लिए राज्य के दर्जे की मांग की थी.

24 सितंबर को लेह में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए. इसके बाद क्षेत्र में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गई.

हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत के दो दिन बाद, वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया. इस जलवायु कार्यकर्ता पर “हिंसा भड़काने” का आरोप है.

वांगचुक अनशन पर थे. यह अनशन हिंसा के तुरंत बाद समाप्त हो गया.

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैन्स ने शनिवार को लद्दाख के लेह में हालिया हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की. उन्होंने मांग की कि इस प्रसिद्ध कार्यकर्ता को तुरंत रिहा किया जाए.

उन्होंने उनकी गिरफ्तारी को “लोकतंत्र पर सीधा हमला” बताया. उन्होंने कहा कि वांगचुक लद्दाख की आवाज हैं, कोई अपराधी नहीं.

बैन्स ने एक्स पर लिखा, “सच्चाई कभी जेल में नहीं बंद हो सकती। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर सीधा हमला है और कानून की अवहेलना के बराबर है. वे लद्दाख की आवाज हैं, अपराधी नहीं. उन्होंने लद्दाख में शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए अनगिनत प्रयास किए हैं. मैं मांग करता हूं कि तुरंत सोनम वांगचुक को रिहा किया जाए. वे प्रतिशोधी राजनीति का शिकार बने हैं. विरोध की आवाज को दबाने से लोकतंत्र मजबूत नहीं होता, बल्कि कमजोर होता है.”

जलवायु कार्यकर्ता लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की वकालत कर रहे हैं. यह अनुसूची आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन और स्वायत्त जिला परिषदों के निर्माण के लिए कुछ विधायी और न्यायिक शक्तियों का प्रावधान करती है.

धारा 244 के तहत छठी अनुसूची वर्तमान में असम, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय के पूर्वोत्तर राज्यों पर लागू है.

लेह में हालिया हिंसक प्रदर्शन के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत प्रतिबंध शनिवार को लागू रहे.

आधिकारिक आदेश के अनुसार जिले में पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है. बिना लिखित अनुमति के कोई जुलूस, रैली या मार्च नहीं किया जा सकता.

क्षेत्र में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है.


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