पुडुचेरी, नौ जुलाई (भाषा) केंद्र सरकार की चार नयी श्रम संहिताओं सहित कथित श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में 10 श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण बुधवार को पुडुचेरी में निजी बसें, ऑटो और टेंपो सड़कों से नदारद दिखे।
एक सूत्र ने बताया कि निजी स्कूलों के प्रबंधन ने एहतियात के तौर पर छुट्टी की घोषणा की, जबकि दुकानें, प्रतिष्ठान्न, सब्जी एवं मछली बाजार बंद रहे।
श्रम संगठनों की मांगों में चार श्रम संहिताओं को खत्म करना, ठेका प्रणाली समाप्त करना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण बंद करना तथा न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रति माह करना शामिल है।
इसके अलावा किसान संगठनों की मांगें भी शामिल हैं, जो स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस 50 प्रतिशत के फॉर्मूले के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों के लिए ऋण माफी की मांग कर रहे हैं।
सरकारी कार्यालयों में विभागाध्यक्षों ने उपस्थिति की निगरानी की। सूत्रों ने बताया कि विभागाध्यक्षों को आज अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों का विवरण अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने को कहा गया है।
कर्मचारी दोपहिया वाहनों से कार्यस्थलों पर पहुंचे।
प्रादेशिक प्रशासन ने एक आदेश के माध्यम से अपने स्टाफ और कर्मचारियों को चेतावनी दी कि बिना पूर्व अनुमति के किसी की भी अनुपस्थिति पर आचरण नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी और ‘‘कर्मचारियों की अनधिकृत अनुपस्थिति को सेवा में व्यवधान माना जाएगा।’’
पुडुचेरी की सीमा के प्रमुख कई शॉपिंग सेंटर में सन्नाटा पसरा रहा, दुकानदारों ने हड़ताल के आह्वान पर अपनी दुकानें बंद कर दीं।
विभिन्न श्रमिक संगठनों के सदस्यों और नेताओं ने विभिन्न स्थानों पर ‘रोड रोको’ आंदोलन किया और गिरफ्तारियां दीं।
प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया था।
समूहों में सरकारी बसों का संचालन किया गया। बिजली और पानी की आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं आया।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऑटो और टेंपो सड़कों से नदारद रहने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या सामान्य से कम रही।
स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े सफाई कर्मचारियों ने हमेशा की तरह सफाई का काम किया।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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