मलप्पुरम (केरल), चार मई (भाषा) केरल में साक्षरता अभियान में अपनी सक्रिय भूमिका के जरिए पहचान बनाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता के.वी. राबिया का रविवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि 59 वर्षीय राबिया पिछले कुछ समय से बीमार थीं। उन्हें 2022 में सामाजिक कार्यों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
राबिया पोलियो के कारण 14 वर्ष की आयु में ही अपंग हो गई थीं और व्हीलचेयर पर रहते हुए उन्होंने घर से ही अपनी पढ़ाई जारी रखी।
उन्होंने जून 1992 में मलप्पुरम जिले के वेल्लिलक्कड़ के अपने पैतृक स्थान के पास तिरुरंगडी में सभी उम्र के निरक्षर लोगों के लिए साक्षरता अभियान शुरू किया। अपने समर्पण के जरिए उन्होंने सैकड़ों निरक्षर लोगों को साक्षर बनाया।
राबिया ने ‘चलनम’ नामक एक स्वयंसेवी संगठन शुरू किया और शिक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता तथा शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के पुनर्वास से जुड़े सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गईं।
उन्हें 2002 में पता चला कि वह कैंसर से ग्रस्त हैं। उन्होंने सफलतापूर्वक कीमोथेरेपी करवाई और फिर से अपनी सामाजिक गतिविधियों में लग गईं। उन्होंने 2009 में अपनी आत्मकथा ‘स्वप्नंगलकु चिरकुकल उंडू’ (सपनों के पंख होते हैं) लिखी।
राबिया को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर 1994 में पहचान मिली जब उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से राष्ट्रीय युवा पुरस्कार जीता।
उन्हें 2002 में 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
राज्य सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी उन्हें कई सम्मान दिए।
भाषा
खारी नेत्रपाल
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