गुरुग्राम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 नवंबर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र दौरे से पहले, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रमुख ने सभी विभागाध्यक्षों को मुस्लिम छात्रों की जानकारी भेजने का निर्देश दिया है. इसके बाद यूनिवर्सिटी को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों ने इस कदम को भेदभावपूर्ण बताया और कहा कि यह संवैधानिक सुरक्षा का उल्लंघन है.
यह कदम ऐसे वक्त पर आया है जब कुछ हफ्ते पहले जांचकर्ताओं ने कहा कि डॉक्टरों का एक समूह “व्हाइट कॉलर” टेरर मॉड्यूल का हिस्सा था, जो 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके के पीछे था.
यूनिवर्सिटी का यह निर्देश, जो 21 नवंबर को चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर डॉ. आनंद कुमार ने जारी किया, मुस्लिम छात्रों के नाम, रोल नंबर, क्लास डिटेल, हॉस्टल व कमरे का नंबर, संपर्क विवरण और स्थायी पता मांग रहा है.
कुमार द्वारा विभागाध्यक्षों को भेजे गए ईमेल में लिखा है: “यह सूचित किया जाता है कि माननीय प्रधानमंत्री 25 नवंबर 2025 को कुरुक्षेत्र आने वाले हैं. इस कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस विभाग ने मुस्लिम छात्रों से संबंधित ज़रूरी जानकारी मांगी है.”
ईमेल में सहयोग की अपील की गई है ताकि “सिक्योरिटी बनाए रखी जा सके” और “सुरक्षा व समन्वय के इंतजाम सुचारू रहें”. ईमेल के अनुसार यह डेटा सिर्फ एक्सेल फॉर्मेट में ही भेजा जाना है.
डॉ. कुमार ने शनिवार को दिप्रिंट को बताया कि यह अनुरोध यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 3 के पुलिस पोस्ट से आया था.
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए पुलिस ने मुझसे सभी मुस्लिम छात्रों का डेटा देने को कहा है. मैं जानकारी इकट्ठा कर रहा हूं ताकि पुलिस को दे सकूं.”
गेट 3 पुलिस पोस्ट के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने इस मांग का बचाव किया. उन्होंने कहा, “पीएम के दौरे को देखते हुए हम कोई जोखिम नहीं ले रहे. हम सभी मुस्लिम छात्रों के बैकग्राउंड की जांच करवाएंगे.”
इस अनुरोध के बाद नस्ली/समुदाय-आधारित प्रोफाइलिंग के आरोप लगने लगे.
एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष अविनाश यादव ने इस कदम की कड़ी निंदा की और कहा कि अल्पसंख्यक छात्रों को निशाना बनाना “गैर-ज़रूरी और बेहद निंदनीय” है. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई अल्पसंख्यक छात्रों से संपर्क में है और उनके साथ खड़ी रहेगी.
एसएफआई के राज्य सचिव सुखदेव बुरा ने इस निर्देश को “असंवैधानिक और छात्र समुदाय को बांटने की कोशिश” बताया.
उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है कि कोई प्रधानमंत्री हरियाणा आ रहा है. कई प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राज्यपाल यहां, यहाँ तक कि कुरुक्षेत्र भी आए हैं, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि पुलिस मुस्लिम छात्रों की जानकारी इकट्ठा करे. यह आरएसएस और बीजेपी का सांप्रदायिक एजेंडा है, जिसके चलते यह कदम उठाया गया है.”
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक ने, नाम न छापने की शर्त पर, पुष्टि की कि पहली बार ऐसा “खुला ईमेल” आया है जिसमें मुस्लिम छात्रों की जानकारी मांगी गई है.
हरियाणा फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गनाइजेशन (HFUCTO) के अध्यक्ष विकास सिवाच ने भी इसे भेदभावपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, “अगर किसी पर शक है तो उसकी जांच करें, लेकिन सिर्फ मुस्लिम छात्रों को निशाना बनाना बेहद भेदभावपूर्ण है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.”
कुरुक्षेत्र के एसपी नितीश अग्रवाल ने शनिवार शाम तक कई बार फोन करने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हालांकि, डीएसपी (हेडक्वार्टर) सुनील कुमार ने ऐसे किसी आदेश से इनकार किया.
पीएम मोदी कुरुक्षेत्र में नौवें सिख गुरु, गुरु तेज बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लेने आ रहे हैं. वे इंटरनेशनल गीता महोत्सव में भी शामिल होंगे. इसके अलावा वे महाभारत अनुभव केंद्र (एक इमर्सिव म्यूज़ियम) का दौरा करेंगे और पंचजन्य शंख इंस्टॉलेशन का उद्घाटन भी करेंगे.
इनमें से कोई भी कार्यक्रम यूनिवर्सिटी परिसर में नहीं है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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