नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में कुर्मी समुदाय के लोगों ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार को दूसरे दिन भी पुरुलिया में अपना ‘रेल रोको’ प्रदर्शन जारी रखा.
मंगलवार को शुरू हुए आंदोलन से झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं क्योंकि हजारों लोग दक्षिण पूर्व रेलवे की रेल पटरियों पर उमड़ पड़े और खड़गपुर, खेमासुली और पुरुलिया में रेल मार्ग अवरुद्ध कर दिया.
जंगल महल क्षेत्र के पांच अलग-अलग संगठनों के सहयोगात्मक प्रयास के तहत प्रदर्शनकारियों ने कुरमाली भाषा को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है.
अपनी मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर आंदोलनकारियों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया.
समुदाय के लोगों ने दावा किया कि अज्ञात कारणों से स्वतंत्रता के बाद उनका अनुसूचित जनजाति का दर्जा वापस ले लिया गया था, इस तथ्य के बावजूद कि वे 1931 तक इसके लिए पंजीकृत थे.
इससे पहले 16 मार्च, 2021 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायकों ने कुर्मियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर रांची में झारखंड विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था.
सिंदरी से बीजेपी विधायक इंद्रजीत महतो ने कहा, ‘कई दिनों से हम कुर्मी जाति को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. सिंदरी से भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो ने कहा था, ‘हम चाहते हैं कि राज्य सरकार जल्द ही इस पर काम करे.
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