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Thursday, 25 April, 2024
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उन्नाव सड़क हादसे के मामले में  सीबीआई चार्जशीट से कुलदीप सेंगर पर हत्या का आरोप हटा

सीबीआई ने बताया कि इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ एफआईआर में लगा हत्या का आरोप हटा दिया गया है. इस केस में ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले जिससे कि इसे हत्या की कोशिश जैसा कुछ साबित हो.

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लखनऊ: बीते जुलाई महीने में उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के मामले में विधायक कुलदीप सेंगर पर सीबीआई के आरोपपत्र में हत्या का कोई आरोप शामिल नहीं किया गया है. इस हादसे में रेप पीड़िता और उसके वकील को गंभीर चोट आई थी, जबकि पीड़िता के एक परिजन की मौत हो गई थी. सीबीआई ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और कुछ अन्य अभियुक्तों के खिलाफ शुक्रवार को अदालत में चार्जशीट पेश कर दी. चार्जशीट में इसे हत्या की कोशिश या षड्यंत्र का मामला नहीं बल्कि महज़ एक हादसा बताया गया है.

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ एफआईआर में लगा हत्या का आरोप हटा दिया गया है.

प्रवक्ता के मुताबिक, ‘कुलदीप सिंह के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 120 (बी) के तहत आपराधिक षड्यंत्र रचने और ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार पाल के खिलाफ धारा 304, 279 और लापरवाही से गाड़ी चलाने जैसे आरोप लगाए गए हैं.  इस मामले में सीबीआई को ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले जिससे कि इसे हत्या की कोशिश जैसा कुछ साबित हो.’

जुलाई में हुआ था हादसा

बता दें कि बीती 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी उसी वक्त पीड़िता की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इस हादसे में पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पीड़िता के परिजनों ने इसे हादसे के पीछे कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ बताते हुए हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था. बता दें कि पीड़िता को उपचार के लिए गंभीर हालत में एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पीड़िता को 25 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी मिली थी. साल 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर पर पीड़िता ने बलात्कार का आरोप लगाया था. सेंगर इस मामले में जेल में बंद है.

पीड़ित लड़की की मां व अन्य रिश्तेदारों ने मीडिया से बातचीत में सीधे तौर पर इस हादसे को षड्यंत्र बताया था और इसके पीछे विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ होने का आरोप लगाया था.

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पीड़िता की मां ने कहा, ‘सीबीआई मेरी बेटी का बयान लेने के लिए दो बार अस्पताल आ चुकी है.पीड़िता की मां ने कहा कि उन्होंने भी कुछ दिन पहले कोर्ट जाकर अपना बयान दर्ज कराया . सेंगर और दूसरे आरोपियों को मेरे सामने कोर्ट में कोर्ट में पेश किया गया और मुझे उन्हें पहचानने के लिए कहा गया. मैंने ऐसा ही किया और अपना बयान भी दर्ज कराया.’

एप्पल ने किया डाटा देने से इंकार

पिछले दिनों तीस हजारी कोर्ट  ने एप्पल कंपनी से आरोपित कुलदीप सेंगर के आइ-फोन के जीपीएस डाटा की जानकारी मांगी थी. अदालत ने एप्पल से पूछा था कि जब पीडि़ता के पिता को जब बेरहमी से पीटा गया था, तो सेंगर के आइ-फोन की लोकेशन क्या थी, अदालत के पूछने पर अब एप्पल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से  जानकारी दी गई है कि आरोपित विधायक कुलदीप सेंगर के आइ-फोन का ‘जीपीएस डाटा’ उसके पास नहीं है.

जीपीएस डाटा उपभोक्ता के फोन में की गई सेटिंग पर निर्भर करता है. फोन का डाटा आइ क्लाउड में सहेजने की व्यवस्था है, लेकिन जीपीएस डाटा के साथ ऐसा नहीं है. 24 घंटे में यह खत्म हो जाता है. वहीं फोन चोरी या गुम होने की स्थिति में उसकी तुरंत रिपोर्ट करने पर जीपीएस की अंतिम लोकेशन को सहेजा जाता है.

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