नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) कुकी छात्र संगठन (केएसओ) के बैनर तले छात्रों और समर्थकों ने शनिवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया और मणिपुर के बफर जोन से असम राइफल्स की 9वीं और 22वीं बटालियन को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की।
केएसओ द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर एकत्र हुए और इन संवेदनशील क्षेत्रों में असम राइफल्स की जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती के “संभावित नतीजों” पर अपनी चिंता व्यक्त की।
बयान में कहा गया कि गृह मंत्रालय ने मई 2023 में बफर जोन बनाया था। असम राइफल्स की देखरेख में इसका (बफर जोन का) उद्देश्य संघर्षरत मेइती और कुकी समुदायों को अलग रखना और हिंसा प्रभावित राज्य में आगे हिंसा रोकना है।
केएसओ के एक प्रवक्ता ने रैली के दौरान कहा, “असम राइफल्स ने मणिपुर के बफर जोन में हालात को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
उन्होंने कहा, “इस अशांत समय में उन्हें हटाए जाने से शांति की दिशा में हुई प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और हिंसा फिर से भड़क सकती है।”
संगठन ने पूर्वोत्तर में असम राइफल्स की लंबे समय से मौजूदगी पर प्रकाश डाला तथा क्षेत्र के भूभाग और सामाजिक-राजनीतिक हालात को लेकर उनकी जानकारी के साथ-साथ स्थानीय समुदायों से अर्जित विश्वास पर भी जोर दिया।
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प्रशांत दिलीप
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