इंफाल/चुराचांदपुर, 30 अप्रैल (भाषा) मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के दो साल पूरे होने के मौके पर दो छात्र संगठनों (कुकी-जोमी) ने लोगों से तीन मई को राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आह्वान किया है।
जोमी छात्र संघ (जेडएसएफ) और कुकी छात्र संगठन (केएसओ) ने कहा कि तीन मई 2025 को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के दो साल पूरे हो जाएंगे और सभी से आग्रह है कि ‘‘सभी शैक्षणिक संस्थानों और सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर मौन रहकर इस दिन को मनाएं।’’
मणिपुर में मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। यहां विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है, जिसे निलंबित कर दिया गया है।
छात्र संगठनों ने ‘सभी से आवासों पर काले झंडे फहराने’ का भी आह्वान किया।
इन संगठनों ने यह भी कहा कि मारे गए लोगों के लिए कब्रिस्तान में सामूहिक प्रार्थना की जाएगी और चुराचांदपुर जिला मुख्यालय में स्थित स्मारक पर एक सार्वजनिक सभा की जाएगी।
उन्होंने लोगों से कार्यक्रम में उपस्थित होने का अनुरोध किया।
इससे पहले, स्वदेशी जनजातीय नेता फोरम (आईटीएलएफ) ने कहा था कि तीन मई को ‘पृथक्करण दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
इंफाल घाटी स्थित मेइती संगठन सीओसीओएमआई ने मंगलवार को लोगों से अपील की थी कि वे तीन मई को सभी गतिविधियां रोक दें और राज्य के भविष्य पर चर्चा के लिए खुमान लंपक स्टेडियम में आयोजित होने वाले सार्वजनिक सम्मेलन में भाग लें।
फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन (एफओसीएस) ने यह भी घोषणा की है कि इस वर्ष तीन मई को ‘साझा भविष्य के लिए विभाजन को पाटने’ के विषय के तहत स्मरण और एकजुटता के पवित्र दिन के रूप में मनाया जाएगा।
भाषा यासिर संतोष
संतोष
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