पुणे, 21 फरवरी (भाषा) वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने कोरेगांव भीमा आयोग को पत्र लिखकर 2018 में हुई हिंसा पर राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला दिया है और कहा कि पवार को तलब किया जाए और दस्तावेजी सबूत सौंपा जाए।
एक जनवरी 2018 को पुणे के कोरेगांव भीमा इलाके में जातीय हिंसा भड़क गई थी। भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर पुणे में एक सम्मेलन आयोजित किये जाने के एक दिन बाद हिंसा की यह घटना हुई थी, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि यह माओवादियों द्वारा समर्थित था।
तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार ने हिंसा की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश जे एन पटेल के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया था। आंबेडकर ने 2020 में पवार द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि (2018 में हुई) हिंसा (तत्कालीन) फडणवीस सरकार की साजिश का नतीजा थी।
वीबीए नेता ने आयोग से अनुरोध किया कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के पास मौजूद संबद्ध दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दे तथा जरूरत पड़ने पर पवार को तलब करे।
आंबेडकर ने आयोग को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘पवार ने आयोग के समक्ष गवाही दी है, लेकिन किसी भी तरह के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। हालांकि, मीडिया में आई खबरों के अनुसार, जनवरी 2020 में पवार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दो पन्नों का पत्र लिखा था। पत्र में पवार ने कोरेगांव भीमा में हुई हिंसा को तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार की साजिश बताया था।’’
भाषा सुभाष दिलीप
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