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Sunday, 16 June, 2024
होमदेशदुर्गा पूजा को लेकर कोलकाता HC की ढील- 'ढाकियों' को रखने और बड़े पंडाल में 60 लोगों के जाने की इजाजत दी

दुर्गा पूजा को लेकर कोलकाता HC की ढील- ‘ढाकियों’ को रखने और बड़े पंडाल में 60 लोगों के जाने की इजाजत दी

हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने पूर्व के फैसले में राहत दी है. कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के प्रसार को देखते हुए पंडालों में प्रवेश निषिद्ध कर दिया था.

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नई दिल्ली: कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा को लेकर बुधवार को कुछ ढील दी है. अब नो एंट्री जोन के बाहर ‘ढाकियो’ (ढाक यानि ढोल बजाने वालों) को रखने और पंडालों में सीमित संख्या लोगों के जाने की इजाजत मिल गई है.

हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने पूर्व के फैसले में राहत दी है.

पंडाल स्थापित करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय ने आज प्रत्येक पंडाल में नो-एंट्री ज़ोन के बाहर ‘ढाकियों’ को रखने की अनुमति दी है. कोर्ट ने छोटे पंडालों में 15 व्यक्तियों को जबकि 60 लोगों को बड़े पंडालों के लिए जाने की अनुमति दी है.

बंगाल में प्रवेश निषेध क्षेत्र होंगे सभी दुर्गा पूजा पंडाल, कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया आदेश

वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया था कि कोविड-19 के प्रसार पर काबू के लिए राज्यभर के सभी दुर्गा पूजा पंडालों को प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित किया जाए.

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न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि किसी भी आगंतुक को पंडाल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

अदालत ने आदेश दिया था के मुताबिक छोटे पंडालों के लिए प्रवेश द्वार से पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने थे जबकि बड़े पंडालों के लिए यह दूरी 10 मीटर होनी चाहिए.

पीठ ने कहा था कि बैरिकेडों पर प्रवेश निषेध के बोर्ड लगे होने चाहिए.

अदालत ने यह भी कहा था कि आयोजन समितियों से जुड़े सिर्फ 15 से 25 लोगों को ही पंडालों में प्रवेश करने की अनुमति होगी.

इस फैसले पर जहां सीएम ममता बनर्जी ने निराशा जाहिर की थी वहीं विपक्षी दलों ने स्वागत किया था और लोगों की जान बचाने वाला कहा था.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

 

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