नई दिल्ली: चिलचिलाती गर्मी से लेकर रमज़ान के मौके पर रूह अफज़ा का अपना ही जलवा होता है. सूखे गले वालों के लिए ये हरदिल अज़ीज ड्रिंक है. लेकिन इस बार की गर्मियों में ये बाज़ार से ग़ायब है. इसका लुत्फ उठाने वाले तरह-तरह के ट्वीट कर रहे हैं और इसकी कमी होने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. दिप्रिंट ने जब इसे बनाने वाली कंपनी से बात की तो जानकारी मिली कि कच्चे माल की कमी की वजह से बाज़ार में इसकी सप्लाई प्रभावित हुई है. वहीं, लोग कह रहे हैं कि इन गर्मियों में उनकी बचपन की यादों से जुड़े रूह अफज़ा को याद कर रहे हैं, कुछ तो इसकी कमी पर मातम भी मना रहे हैं.
ऑनलाइन काफी महंगा मिल रहा है रूह अफज़ा
इकबाल अनवर नाम के एक यूज़र ने ट्वीट किया है कि उनका रमजान भला रूह अफज़ा के बगैर कैसे गुज़रेगा. हालांकि ये ऑनलाइन मिल रहा है पर कीमत इतनी है कि पसीने छूट जायेंगे. दिप्रिंट ने जब चेक किया तो पाया कि अमेज़ॉन पर 750 एमएल की रूह अफज़ा की बोतल 549 रुपए में मिल रही है. कुछ मुरीद शायद इस कीमत पर भी इसे खरीदने को तैयार हो पर इस कमी की वजह सभी जानना चाहते है. हालांकि, कंपनी प्रवक्ता का दावा है कि ये 135 रुपये में ही ऑनलाइन बिक रहा है.
@HamdardIndia Roof Afza is not available in market. This Ramzan without #RoohAfza Online Price is three times higher pic.twitter.com/UDNPCNug3a
— Iqbal Anwer (@IqbalAnwer_IQ) May 5, 2019
दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक कच्चे माल की कमी की वजह से इसका उत्पादन रुका हुआ था. हमदर्द की आधिकारिक प्रवक्ता ने इस बारे में कहा, ‘हम बताना चाहेंगे कि रूह अफज़ा बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की कमी की वजह से ये बाज़ार में हालिया तौर पर उपलब्ध नहीं है.’
साथ ही कंपनी ने इस पेय के फैंस के लिए एक अच्छी खबर भी दी है. वो ये कि ‘रूह अफज़ा बनाने का काम अब तेज़ी से चल रहा है और बाकी के हमदर्द के उत्पादों के अलावा ये भी जल्द ही देश भर के बाज़ार में ग्राहकों को मिलने लग जाएगा.’
कंपनी को भी शायद अपने मुरीदों का अंदाज़ा न रहा होगा. एक इंस्टाग्राम पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर किए गए एक ट्वीट में ‘अ लेडी इन मुंबई’ नाम के हैंडल से ट्वीट कर लिखा गया है कि बाज़ार में रूह अफज़ा के ग़ायब होने की ख़बर फैली है और वो चाहती हैं कि ये बात सिर्फ एक अफवाह हो.
Is there a shortage of #Roohafza? hope this is not true! @saffrontrail pic.twitter.com/TrlWv73i9f
— A Lady in Mumbai ????#writerslife (@ALadyinMumbai1) May 3, 2019
बाज़ार में अटकलें थी कि हमदर्द परिवार की आंतरिक कलह की वजह से रूह अफज़ा के बाज़ार से गायब है. पर कंपनी की प्रवक्ता ने इसे सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा, ‘ये तथ्यहीन अफवाहें हैं और इसमें कोई सच्चाई नहीं.’ आपको बता दें कि हमदर्द की स्थापना 1906 में हकीम हाजी अब्दुल मजीद ने की थी.
दि हिंदू बिज़नेस लाइन की 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली, मानेसर और गाज़ियाबाद में हमदर्द के तीन प्लांट हैं और पिछले साल कंपनी औरंगाबाद में अपना चौथा प्लांट बनाने की तैयारी में थी. रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के वित्त वर्ष में कंपनी का टर्नओवर 700 करोड़ का था. रूह अफज़ा के अलावा कंपनी के जाने-माने उत्पादों में साफी, रोगन बादाम शिरीन और पचनौल जैसे उत्पाद शामिल हैं.