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Saturday, 23 November, 2024
होमदेशआज कुलभूषण जाधव पर आएगा फैसला, पढ़ें पिछले तीन वर्षों में क्या-क्या हुआ

आज कुलभूषण जाधव पर आएगा फैसला, पढ़ें पिछले तीन वर्षों में क्या-क्या हुआ

पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी पर रॉ का जासूस होने का आरोप लगाए जाने के बाद पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है.

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नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय अदालत पीस पैलेस द हेग में बुधवार 17 जुलाई को पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव पर अपना फैसला सुनाएगा. कुलभूषण को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी. आज उन पर आने वाला फैसला अदालत के अध्यक्ष न्यायाधीश अब्दुल अहमद युसुफ सुनाएंगे.

न्यायाधीश अब्दुल यह फैसला भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे सुनाएंगे. भारतीय विदेश मंत्री ने विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इरान) दीपक मित्तल और नीदरलैंड में भारतीय राजदूत वेणु राजामणि के साथ एक टीम को द हेग रवाना किया है.

कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं जिन्हें पाकिस्तान अथॉरिटी ने मार्च 2016 में गिराफ्तार किया था और अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने इस फैसले को ‘मज़ाक’ बताया है. मामला मई 2017 में अंतर्राष्ट्रीय अदालत पहुंचा. अदालत ने जाधव की फांसी पर अंतरिम आदेश आने तक रोक लगाने का आदेश दिया था.

प्रिंट आपके लिए लाया है कि जाधव मामले में पिछले तीन सालों में जाधव के साथ क्या-क्या हुआ.

3 मार्च 2016: जाधव पाकिस्तानी अथॉरिटी द्वारा बलूचिस्तान में गिरफ्तार किए गए थे. उन पर आरोप लगाया गया कि वह भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसी ‘रॉ’ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के लिए काम करते हैं.

25 मार्च 2016: भारत सरकार को जाधव की गिरफ्तारी की सूचना मिलती है. भारत तत्काल कांसुलर एक्सेस की मांग करता है लेकिन पाकिस्तान इस मांग को अस्वीकार कर देता है.

29 मार्च 2016: पाकिस्तान इस दौरान एक वीडियो जारी करता है जिसमें जाधव यह स्वीकार करते हुए दिखाए जाते हैं कि वह भारतीय नौसेना में अधिकारी थे और वह रॉ के लिए काम करते हैं. वीडियो में जाधव को यह भी स्वीकार करता हुआ दिखाया गया कि उन्हें रॉ ने पाकिस्तान में अस्थिरता उत्पन्न करने, पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध और जासूसी के उद्देश्य से भेजा है.

21 सितंबर 2016: पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने एक एफआईआर के आधार पर जाधव के मामले की सुनवाई शुरू की जिसमें 15 व्यक्तियों को उनके कथित साथी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी के नाम भी शामिल थे.

7 दिसंबर 2016: पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज़ ने कहा कि ‘जाधव के खिलाफ हमारे पास कोई सबूत नहीं मिले हैं लेकिन बाद में वह इस बयान से ‘मुकर’ गए.’

31 दिसंबर 2016: पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को एक डोजियर (दस्तावेज) सौंपने की बात कही.

6 जनवरी 2017: संयुक्त राष्ट्र में यह डोजियर पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा मोदी ने सौंपा. मलीहा ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पाकिस्तान में ‘भारत के हस्तक्षेप और आतंकवाद’ पर डोजियर दिया. लोधी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज का एक पत्र भी सौंपा.

10 अप्रैल 2017: पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई. फैसले से एक दिन पहले, भारतीय तटरक्षक और मछुआरों ने दो पाकिस्तानी नाविकों की जान बचाई थी, जो अनजाने में गुजरात तट से पानी में भारतीय क्षेत्र पार कर गए थे.

26 अप्रैल 2017: भारत की ओर से 16वीं बार जाधव के लिए कांसुलर एक्सेस के अनुरोध से इनकार किया गया. इस बीच, पाकिस्तानी मीडिया में खबरें आने लगीं कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एक पूर्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस अधिकारी लेफ्टिनेंट-कर्नल मुहम्मद हबीब ज़हीर को जासूसी करने के प्रयास में अपहरण कर लिया है.

27 अप्रैल 2017: तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चार्जशीट की प्रतियां, जांच अदालत की कार्यवाही, साक्ष्य और पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सौंपे गए फैसले भारत को दिए जाने का अनुरोध करते हुए एक खत लिखा.

8 मई 2017: भारत जाधव मामले को अंतर्राष्ट्रीय अदालत ले गया जहां पाकिस्तान पर वियेना कन्वेंशन और कांसुलर रिश्तों के तोड़े जाने का आरोप लगाते हुए एक पेटिशन दायर किया.

9 मई 2017: अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने जाधव की मौत की सजा पर रोक लगा दी.

15 मई2017: अंतर्राष्ट्रीय अदालत में पाकिस्तान और भारत के प्रतिनिधि बहस के लिए मौजूद हुए.

18 मई 2017: अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने एक बार फिर से जाधव को दी गई मौत की सजा पर रोक लगा दी.

22 जून 2017: जाधव ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के सामने मर्सी पेटिशन दायर कर पाकिस्तान में जासूसी करने के लिए माफी मांगी थी जिसे पाकिस्तान ने दरकिनार कर दिया था.

25 दिसंबर 2017: जाधव को उसकी मां और पत्नी से कस्टडी के दौरान मिलने की इजाजत दी गई.

8 जनवरी 2018: पाकिस्तान ने इस दौरान एक और वीडियो जारी किया जिसमें उसने यह स्वीकार किया कि वह भारतीय नौसेना के लिए काम करता है. इस वीडियो को भारत सरकार ने प्रचार करने वाला वीडियो करार दिया था. इस वीडियो में जाधव को अपनी मां और पत्नी से हुई मीटिंग के बारे में बोलते हुए दिखाया गया है. जिसमें वह बोल रहे थे कि मेरी मां मुझे इतने अच्छे हालात और शारीरिक गठन को देखकर बहुत खुश हुई. वह यह भी देखकर खुश हुईं कि पाकिस्तानी सेना ने मुझे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है. वीडियो में जाधव ने कहा, ‘भारतीय लोगों, भारत सरकार और भारतीय नौसेना से कहना चाहता हूं कि मैं अभी भी भारतीय सेना का कमीशन अधिकारी हूं.’

17 अप्रैल 2018: भारत ने 17 जनवरी 2018 का हवाला देते हुए कुलभूषण जाधव मामले में दोबारा अंतर्राष्ट्रीय अदालत में अर्जी लगाई.

20 नवंबर 2018: तत्कालीन विदेश मंत्री स्वराज ने जाधव तक राजनयिक पहुंच की मांग की और कहा कि ‘हमने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से जाधव की फांसी पर रोक लगाए जाने की मांग की है. यह मामला फरवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

फरवरी 2019: आईसीजे की सुनवाई में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाले खावर कुरैशी ने कहा कि भारत ने पूरी कार्यवाही में विश्वास की कमी का प्रदर्शन किया है. जम्मू-कश्मीर के सबसे बुरे आतंकी हमलों में से एक, 14 फरवरी के हमले के बाद, पाकिस्तान स्थित जैश द्वारा कथित रूप से तनाव के बीच दोनों देशों के बीच हेग में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में जाधव मामले में चार दिन की सुनवाई हुई. आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद द्वारा कराए गए इस हमले में कम से कम 40 सीआरपीएफ सैनिक मारे गए थे.

4 जुलाई 2019: आईसीजे ने 17 जुलाई यानी बुधवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाने जा रहा है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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