लखनऊ : कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इसी बीच बीते मंगलवार मुज़फ्फरनगर में अनुच्छेद 370 की खुशी में आयोजित एक समारोह में विधायक विक्रम सैनी ने कश्मीर की लड़कियों को लेकर विवादित बयान दे दिया. बीजेपी विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की लड़कियों से शादी करने के लिए खतौली विधानसभा के कार्यकर्ता बहुत उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि अविवाहित युवकों की शादी वहीं करा देंगे. विक्रम सैनी इससे पहले भी ऐसे विवादित बयान देते रहे हैं. वहीं मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान वह जेल भी जा चुके हैं.
370 हटने की खुशी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विधायक ने कहा कि जम्मू कश्मीर में महिलाओं पर कितना अत्याचार था. वहां की लड़की अगर उत्तर प्रदेश के छोरे से शादी कर ले तो उसकी नागरिकता खत्म, भारत की नागरिकता अलग और कश्मीर की नागरिकता अलग यानी के एक देश दो विधान कैसे होना चाहिए लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जो मुस्लिम कार्यकर्ता हैं उन्हें भी ख़ुशी मनानी चाहिए. हिंदू-मुसलमान कोई भी हो ये पूरे देश के लिए ख़ुशी का विषय है.
विक्रम सैनी यहीं नहीं रुके. उन्होंने मंच से ये भी कहा कि कार्यकर्ताओं के फोन आए कि खतौली में भी प्रोग्राम कर लो, मैंने सीओ साहब को फोन किया, उन्होंने कहा कि आज रहने दो कल कर लेना. विधायक ने कहा योगी की सरकार है, कार्यक्रम होकर रहेगा. इसके बाद वहां के स्थानीय पत्रकारों से, जम्मू-कश्मीर में अब हिंदुओं पर अत्याचार नहीं होगा. वहां पर कोई भी शादी कर सकता है. मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया है.
बयान पर सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल
विधायक का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एक्ट्रेस रिचा चड्ढा ने इस वीडियो को कोट करते हुए ट्वीट किया है.
Racist, sexist, sexually deprived dinosaurs are not extinct, but flourishing! Why are most of our leaders men that you wouldn’t even want to invite home for chai ? Cringe. Is liye jaana tha Kashmir? Shaadi to legal hi thi … ? https://t.co/oSlFl8ACv6 pic.twitter.com/e3pRjDFh1j
— TheRichaChadha (@RichaChadha) August 7, 2019
उन्होंने एक डायनासोर का वीडियो पोस्ट किया और लिखा-जातिवादी, कामुक, यौन वंचित डायनासोर विलुप्त नहीं हुए हैं, बल्कि फलते-फूलते हैं! हमारे अधिकांश नेता ऐसे पुरुष क्यों हैं जिन्हें आप चाय के लिए घर आमंत्रित करना भी नहीं चाहते हैं? चापलूस. क्या इसलिए जाना था कश्मीर? शादी तो लीगल ही थी…?
दारुल उलूम को बता चुके हैं आतंकियों की फैक्ट्री
बीजेपी विधायक विक्रम सैनी अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. बीति 24 फरवरी को उन्होंने दारुल उलूम देवबंद को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने संस्था को आतंकियों की फैक्ट्री बताया. उन्होंने कहा, देश के अंदर और बाहर आतंकियों को चुन-चुन कर मारा जाएगा. उन्होंने कहा कि दारुल उलूम में आतंकी पलते हैं. आतंकवादियों की यह फैक्ट्री बंद होनी चाहिए.
बम से उड़ाने की दी थी धमकी
इससे पहले 4 जनवरी 2018 को सैनी का एक वीडियो सामने आया था, उसमें वह कहते नजर आ रहे हैं, ‘जो देशद्रोही हैं और कहते हैं कि हमें यहां खतरा है और हम सुरक्षित नहीं हैं, उनका भी कोई न कोई इंतजाम किया जाएगा. जो ऐसा बोलें, उनके लिए सजा का प्रावधान हो और यह देशद्रोह की श्रेणी में आएं. मुझे अगर सरकार मंत्रालय दे दे, मैं सबको बम लगाकर उड़ा दूंगा.’ उन्होंने यह भी कहा, ‘सेना के पास बहुत बम है, फोड़वा दूंगा.’ उन्होंने देश में वंदे मातरम का विरोध करने वालों को देशद्रोही करार देते हुए कहा कि देश में ऐसे लोगों के खिलाफ कानून बनना चाहिए. उन्होंने कहा था कि जो देश के खिलाफ बोलते हैं, जिन्हें यहां डर लगता है ऐसे लोग देश छोड़कर चले जाएं.
बीजेपी विधायक विक्रम सैनी ने 26 मार्च 2017 को राज्यमंत्री सुरेश राणा के स्वागत कार्यक्रम में भी विवादित बयान दिया था. सैनी ने कहा है कि जो गो-हत्या करते हैं, मैं ऐसे लोगों के हाथ-पैर तुड़वा दूंगा. सैनी ने कहा कि ‘जो गो-माता को माता न मानते हों और उनकी हत्या करते हों, तो मैंने वादा किया था कि ऐसे लोगों के हाथ पैर तुड़वा दूंगा.’
मुजफ्फरनगर दंगो में गए थे जेल
साल 2013 में मुज़फ्फरनगर में हुई दंगे के समय विक्रम सैनी को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. उन पर भड़काऊ भाषण और दंगों का आरोप है. दरअसल सैनी मुज़फ्फरनगर दंगे के वक्त कवाल गांव के ग्राम प्रधान थे. अब वह यहां कि खतौली विधानसभा से बीजेपी के विधायक हैं. उन पर आरोप है कि जब मुज़फ्फरनगर दंगा हुआ था, तो उस वक्त उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था. प्रदेश में सरकार सपा की थी, तो उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत जेल भेज दिया गया था. फिलहाल इस केस की सुनवाई इलाहाबाद की विशेष अदालत में चल रही है.
जेल जाने के बाद से बदल गया करियर ग्राफ
मुज़फ्फरनगर दंगों में नाम आने के बाद जेल गए विक्रम का करिअर जेल से वापसी के बाद बदल गया. वह मुज़फ्फरनगर में हिंदूवादी छवि के फायरब्रांड नेता हो गए. बीजेपी ने 2015 में उन्हें जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में उतार दिया जिसमें वह जीत गए. वहीं दंगों के बाद से ही मुज़फ्फरनगर में तनाव का माहौल बन गया जिस पर राजनीति भी खूब हुई. इसका इनाम सैनी को 2017 में मिला जब बीजेपी ने उन्हें विधायकी का टिकट दिया और उन्होंने लगभग 31 हजार वोट से चुनाव जीत लिया.
मुज़फ्फरनगर के पत्रकार संदीप बताते हैं कि विक्रम जिस विधानसभा से चुनाव लड़े वहां सैनी वोटर्स की काफी संंख्या है. इसके अलावा पहले मुज़फ्फरनगर दंगे और फिर 2014 चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद से यहां बीजेपी का दबदबा भी बढ़ा जिसका असर 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला. हालांकि विधायक बनने के बाद विक्रम सैनी अक्सर ऐसे विवादित बयान दे देते हैं जो चर्चा का कारण बन जाते हैं. बीजेपी की ओर से कभी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
हिंदुओं को 2 से ज्यादा बच्चे करने की दी थी सलाह
बीजेपी विधायक विक्रम सैनी ने 24 फरवरी 2018 को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि स्वास्थ्य विभाग का स्लोगन ‘हम दो हमारे दो’ यह नारा पहले भी चला था. ‘हम दो हमारे दो’ हमने तो मान लिया, लेकिन हमारे कुछ भाई तो एक पर ही रुक गए हैं. जबकि कुछ तो ‘हम दो हमारे 18’ और ‘हम पांच हमारे 25’ हो रहे हैं. विधायक ने आगे कहा कि यह सभी के लिए होना चाहिए. यह देश सबका है, अगर देश सबका है तो कानून सबके लिए होना चाहिए. विधायक विक्रम सैनी यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे तो अपने निजी जिंदगी को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि जब मेरे दो बच्चे हो गए तो घरवाली कहने लगी कि तीसरा बच्चा नहीं बस, मैं कहने लगा अभी नहीं, अभी तो चार-पांच होंगे. इस दौरान मंच पर मौजूद लोग हंसते रहे.