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Saturday, 21 December, 2024
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कीर्ति आज़ाद को सौंपी जा सकती है अध्यक्ष विहीन दिल्ली कांग्रेस की कमान

अगर ये फैसला लिया जाता है तो इसके पीछे बड़ी रणनीति होगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में 34 प्रतिशत के करीब पूर्वांचल के वोटर हैं.

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नई दिल्ली: मीडिया में छाई ख़बरों के मुताबिक हाल ही भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए खिलाड़ी कीर्ति आज़ाद को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. बिहार के दरभंगा से ताल्लुक रखने वाले कीर्ति आज़ाद को दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद दिए जाने की आधिकारिक घोषणा शनिवार को की जा सकती है. कांग्रेस के एक सूत्र ने बातचीत में ना तो इस जानकारी को सही बताया और ना ही इसका खंडन किया.

दिल्ली की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष विहीन है. पूर्व सीएम का निधन 20 जुलाई को हुआ था. अगले साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना है जिसके लिए एक तरफ आम आदमी पार्टी (आप) धुआंधार कैंपेन चला रही है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की भी चुनावी गतिविधियां जारी हैं.

इन दोनों पार्टियों के बीच पिछले विधानसभा चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल पाई कांग्रेस अभी तक अपना अध्यक्ष भी नहीं चुन पाई है. दिल्ली अध्यक्ष के चुने जाने की तारीख़ लगातार टाली जाती रही. दिप्रिंट से बातचीत में दिल्ली कांग्रेस के तीन में से एक कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा था, ‘अक्टूबर को गांधी जयंति के मौके पर पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया जाएगा.’ लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

पार्टी अध्यक्ष के दावेदारों में कांग्रेस के मंझे हुए खिलाड़ी अजय माकन से लेकर दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के अलावा कांग्रेस में शामिल होने को तैयार अलका लांबा तक के नाम मीडिया में तैरते रहे हैं. हालांकि, ताज़ा जानकारी तो यही है कि बिहार से आने वाले भाजपा अध्यक्ष तिवारी की तरह कांग्रेस भी अपनी कमान बिहार से ही आने वाले आज़ाद के हाथों में सौंप सकती है.

अगर ये फैसला लिया जाता है तो इसके पीछे बड़ी रणनीति होगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में 34 प्रतिशत के करीब पूर्वांचल के वोटर हैं. ये इतनी बड़ी संख्या है कि नतीज़ों का रुख किसी भी ओर मोड़ सकती है. इन्हीं वोटरों को लुभाने के लिए आप ने पार्टी में पूर्वांचल का चेहरा, राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली का चुनाव प्रभारी बनाया है. कांग्रेस भी आज़ाद के रूप में अपना ‘पूर्वांचल कार्ड’ खेलने की तैयारी में है.

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