कोलकाता, 17 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल के अग्निशमन और आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस ने मंगलवार को विधानसभा को संबोधित करते हुए कोलकाता के खिदिरपुर के एक बाजार में हाल में लगी आग के बारे में जानकारी दी और उनके विभाग द्वारा राहत कार्य शुरू किए जाने में देरी और लापरवाही के आरोपों को खारिज किया।
मंत्री ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के दौरान दमकलकर्मी सशस्त्र बलों की तरह ही अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
विपक्ष ने आरोप लगाया था कि अग्निशमन गाड़ियां घटनास्थल पर देरी से पहुंचीं, पर्याप्त पानी नहीं था और राहत कार्य के दौरान एक दमकल गाड़ी खराब हो गई।
मंत्री ने कहा, ‘‘अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर घटना का सूचना मिली जिसकी प्रतिक्रिया में दमकल की तीन गाड़ियों को तुरंत भेजा गया। बाद में और गाड़ियां भेजी गईं।’’
बोस ने कहा, ‘‘महापौर फिरहाद हकीम घटनास्थल पर पहुंचे और मैं खुद भी वहां पहुंचा। वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे और यहां तक कि मुख्यमंत्री ने भी दिन में घटनास्थल का दौरा किया।’’
बताया जाता है कि आग से करीब 400 व्यापारी प्रभावित हुए हैं।
बोस ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि पानी नहीं था या पंपों में ईंधन नहीं था। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं- पर्याप्त पानी था, और पंपों में ईंधन था। शुरुआत में कुछ समस्या आई जब गाद पंप में चली गई। हमें यह जांचने की जरूरत है कि उस समय पंप ठीक से काम क्यों नहीं कर रहा था, लेकिन पानी या ईंधन नहीं होने का दावा गलत है।’’
उन्होंने सदन से अपील की कि अग्निशमनकर्मियों के प्रयासों को कमतर न आंका जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पर हमारे सैनिकों की तरह हमारे अग्निशमनकर्मी भी अत्यधिक जोखिम में काम करते हैं, अपनी जान जोखिम में डालते हैं। उनके साहस और बलिदान को कम न आंकें।’’
भाषा खारी रंजन
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