बेंगलुरु, 26 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने को लेकर शनिवार को केंद्र से सवाल किया और पूछा कि पानी का भंडारण कहां किया जाएगा।
पहलगाम आतंकवादी हमले पर सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के लिए खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की और दावा किया कि सरकार ने दिल्ली में आयोजित बैठक में सुरक्षा चूक की बात स्वीकार की थी।
खरगे ने पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करने के संबंध में सरकार से सवाल किया कि वह पानी का भंडारण कहां करेगी। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को अभी नहीं, बाद में उठाया जाएगा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यदि आप (सरकार) पानी रोकने का निर्णय लेते हैं, तो आप इसे कहां संग्रहित करेंगे? क्या हमारे पास ऐसे बांध हैं? लेकिन ये प्रश्न बाद में पूछे जाएंगे, अभी नहीं।”
पहलगाम आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद भारत ने अन्य उपायों के अलावा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। पहलगाम आतंकवादी हमले में सशस्त्र आतंकवादियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे।
खरगे ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में उनके और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित सभी राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे।
उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘बैठक में मैंने सबसे पहला सवाल यही उठाया कि जब सरकार बैठक बुलाती है तो प्रधानमंत्री को उसमें मौजूद रहना चाहिए। चूंकि वे मौजूद नहीं थे, इसलिए हमने कहा कि यह ठीक नहीं है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के प्रति प्रधानमंत्री का रवैया उचित नहीं था क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
उन्होंने सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बजाय चुनावी राज्य बिहार में रैली को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा।
खरगे ने कहा, “आप बिहार में अपना चुनावी भाषण देने जाते हैं। अगर वह (मोदी) बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं तो इसका मतलब है कि वह इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘हिंदी और अंग्रेजी में बात करने के बजाय, आपको हमें यह बताना चाहिए था कि यह (आतंकी हमला) कैसे हुआ, सुरक्षा चूक, खुफिया चूक, या मुखबिरों और पुलिस के स्तर पर चूक। दुर्भाग्य से वह नहीं आए।”
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वीकार किया कि पहलगाम आतंकवादी हमले में सुरक्षा चूक हुई थी जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
खरगे ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी कहा कि वह इस मुद्दे को चुनौती के रूप में लें और ऐसी व्यवस्था करें कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
उन्होंने कहा, “जो भी चूक हुई है, वह हो गई है, लेकिन भविष्य में हमें ऐसा नहीं होने देना चाहिए। मैंने शाह से कहा कि इसे चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए। सब कुछ सुव्यवस्थित होना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि शाह ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।
खरगे ने अफसोस जताते हुए कहा कि तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद सरकार लोगों की सुरक्षा नहीं कर सकी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “फिर भी, राष्ट्र और उसकी एकता के दृष्टिकोण से, हमने उनसे कहा कि हम सब एक साथ आएं और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करें। हमने यह भी बताया कि हम इस मामले में सरकार के फैसले का समर्थन करने के लिए एकजुट हैं।”
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों से खुश हैं, तो खरगे ने कहा, “अभी उन बातों को रेखांकित करने का समय नहीं है। जब परिस्थिति आएगी तो हम बता देंगे, लेकिन अभी उन बातों को बताना ठीक नहीं होगा।”
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार के साथ एकजुट होकर खड़ा हुआ जाए और उसके द्वारा लिए गए निर्णयों में गलती न निकाली जाए।
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प्रशांत माधव
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