नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया है जो लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि गंगाजल पर कोई जीएसटी नहीं लगता है.
खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड दौरे का उल्लेख करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ मोदी जी, एक आम भारतीय के जन्म से लेकर उसके जीवन के अंत तक मोक्षदायिनी मां गंगा का महत्त्व बहुत ज़्यादा है. अच्छी बात है कि आप आज उत्तराखंड में हैं, पर आपकी सरकार ने तो पवित्र गंगाजल पर ही 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है. एक बार भी नहीं सोचा कि जो लोग अपने घरों में गंगाजल मंगवाते हैं, उन पर कितना बोझ पड़ेगा. ’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘ यही आपकी सरकार के लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है.’’
सीबीआईसी ने सोशल नेटवर्किंग मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “देशभर में घरों में पूजा-पाठ में उपयोग होने वाले गंगाजल और अन्य पूजा-सामग्री को जीएसटी से छूट दी गई है. जीएसटी लागू होने के बाद से ही ये सभी वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर हैं.’’
सीबीआईसी ने कहा कि पूजा सामग्री पर जीएसटी को लेकर जीएसटी परिषद की 18-19 मई, 2017 को हुई 14वीं और तीन जून, 2017 को हुई 15वीं बैठक में विस्तार से चर्चा की गई. इसके बाद इन्हें दायरे से बाहर रखने का फैसला किया गया.
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