चंडीगढ़: जालंधर ग्रामीण पुलिस ने खडूर साहिब से निर्दलीय लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के बड़े भाई हरप्रीत सिंह उर्फ ‘हैप्पी’ को नशीले पदार्थों के कथित कब्जे और सेवन के आरोप में गिरफ्तार किया है.
इसकी पुष्टि करते हुए जालंधर (ग्रामीण) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अंकुर गुप्ता ने शुक्रवार सुबह मीडियाकर्मियों को बताया कि हरप्रीत सिंह को पिछली रात फिल्लौर पुलिस ने जालंधर और फिल्लौर हाईवे पर एक जगह से गिरफ्तार किया था, जहां वो अपने दोस्त लवप्रीत सिंह के साथ एक खड़ी कार में बैठा था.
एसएसपी गुप्ता ने कहा, “दोनों के पास से करीब 4 ग्राम आइस या एम्फेटामाइन बरामद किया गया. उनके पास वजन मापने का पैमाना भी था. दोनों को गिरफ्तार कर मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया. दोनों डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए.”
33-वर्षीय हरप्रीत कट्टरपंथी सिख कार्यकर्ता अमृतपाल सिंह का बड़ा भाई है, जो पिछले महीने पंजाब के खडूर साहिब से सांसद चुने गए थे. अमृतपाल राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत एक साल से अधिक समय से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.
उन्होंने सलाखों के पीछे से लोकसभा चुनाव लड़ा और खडूर साहिब से करीब दो लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की — जो राज्य की 13 लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा है. उनके अभियान का नेतृत्व परिवार के सदस्यों और समर्थकों ने किया और इसका केंद्र पंजाब में बड़े पैमाने पर नशे की लत को खत्म करना था.
शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हरप्रीत को गलत तरीके से फंसाया है.
उन्होंने दावा किया, “मेरे बेटे को फंसाया गया है. यह सभी को मालूम है कि पुलिस किसी व्यक्ति को फंसाने के लिए हर तरह के तरीके अपनाती है और वह यही कर रही है. वो आमतौर पर किसी व्यक्ति को बदनाम करने के लिए हथियार या ड्रग्स रखते हैं. पुलिस यह बर्दाश्त नहीं कर सकती कि अमृतपाल लोगों से नशा छोड़ने के लिए कह रहा है.”
तरसेम सिंह ने यह भी दावा किया कि हरप्रीत अमृतपाल की ओर से क्षेत्र में काम कर रहा था और उसका नशे के सेवन से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा, “परसों वो चब्बल में एक कार्यक्रम में शामिल होने गया था. आज उसे मोगा के बाघापुराना में एक मार्च में शामिल होना था. मेरे बेटे को गिरफ्तार करना हमें और हमारे परिवार को बदनाम करने की गहरी साजिश का हिस्सा है. मेरे बेटे के लिए जो जाल बिछाया गया है, उसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.”
मीडिया को दिए अपने बयान में तरसेम सिंह ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने गुरुवार रात हरप्रीत की गिरफ्तारी के बारे में परिवार को सूचित नहीं किया.
उन्होंने कहा, “मेरे बेटे का मोबाइल नंबर बंद था और हम चिंतित थे. फिर हमें कुछ लोगों के जरिए पता चला कि उसे जालंधर में पुलिस ने हिरासत में लिया है, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई. इसकी पुष्टि सुबह समाचार खबरों के जरिए ही हुई.”
गिरफ्तारी का ब्योरा देते हुए एसएसपी गुप्ता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि हरप्रीत सिंह, लवप्रीत सिंह और लुधियाना निवासी संदीप अरोड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिससे दोनों ने कथित तौर पर ड्रग खरीदी थी.
उन्होंने कहा, “संदीप अरोड़ा को (10,000 रुपये) का भुगतान पेटीएम के माध्यम से किया गया था, जिसका विवरण भी आरोपी के फोन पर पाया गया है.”
गुप्ता ने कहा कि आगे की जांच चल रही है और तीनों आरोपियों के सभी सहयोगियों की पहचान समय पर कर ली जाएगी.
एसएसपी गुप्ता ने कहा, “हरप्रीत सिंह की गिरफ्तारी नियमित नाका पुलिसिंग का हिस्सा है. तीन सप्ताह पहले पंजाब भर में ड्रग तस्करों को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया था. उस अभियान के तहत संदिग्ध ड्रग से संबंधित गतिविधियों के लिए वाहनों की जांच की जा रही है.”
उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि तीनों आरोपियों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 की धारा 22, 27 और 29 के तहत गिरफ्तार किया गया है.
फिल्लौर पुलिस थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) सुखदेव सिंह ने संपर्क करने पर दिप्रिंट को बताया कि हरप्रीत के डोप टेस्ट में तीन अलग-अलग ड्रग्स की मौजूदगी का पता चला है.
शुक्रवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुखदेव सिंह ने कहा कि जिस कार में हरप्रीत और लवप्रीत मिले, उसके शीशे काले थे.
उन्होंने कहा, “जब पुलिस पार्टी कार के पास पहुंची, तो अंदर बैठे दो लोग कुछ छिपाने लगे, उनके हाथ कार की सीट के नीचे छिपे थे. हरप्रीत सिंह की जेब से एक पैकेट में चार ग्राम एम्फेटामाइन बरामद हुआ. उसके पास एक लाइटर भी था. उसके पास 20 रुपये का एक नोट भी था, जिसका इस्तेमाल केवल नशा करने वाले लोग पाइप के रूप में करते हैं. लवप्रीत सिंह के पास से दो लाइटर, एक तराजू और नशा करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पाइप बरामद हुई. कार में एक पर्स भी मिला, जिस पर ड्रग पाउडर लगा हुआ चांदी का फॉयल था.”
एसएचओ ने बताया, “हरप्रीत अपने परिवार के साथ जल्लुपुर खेड़ा में रहता था. वो अपने परिवार का ट्रांसपोर्ट का कारोबार ऑनलाइन चलाता है. वो 2008 में अपने परिवार के साथ दुबई गया था और 2015 में वापस लौटा. बाद में वो वापस दुबई गया और आखिरकार 2021 में वापस लौटा. कुछ समय के लिए उसने चंडीगढ़ में एक आईटी फर्म के साथ भी काम किया. लवप्रीत सिंह उसका बचपन का दोस्त है और दोनों एक साथ पढ़ते थे.”
परिवार के करीबी सूत्रों ने कहा कि हरप्रीत की शादी हरियाणा के एक परिवार में हुई है.
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