नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ध्वस्त की गई दो मजारों के खादिम ने शुक्रवार को कहा कि वह इन्हें नये सिरे से स्थापित करने के लिए भूमि आवंटित करने की मांग के साथ नगर निकाय से संपर्क करेंगे।
उद्योग भवन के निकट सुनहरी बाग मस्जिद के सामने स्थित दो मजारों को रविवार सुबह एनडीएमसी ने अतिक्रमण के खिलाफ चलाये गये एक अभियान के तहत ध्वस्त कर दिया था।
वर्ष 2020 से इन मजारों की देखरेख करने वाले (खादिम) शाहबाज अहमद (34) ने कहा कि वक्फ बोर्ड को इन मजारों को हटाये जाने के बारे में सूचित कर दिया गया है और वे नये सिरे से इन मजारों को स्थापित करने का रास्ता तलाश रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उसी स्थान पर, या उसके आसपास मजार स्थापित करने के लिए एनडीएमसी से संपर्क करने का निर्णय लिया है। ध्वस्त की गई दो मजार 100 साल से अधिक पुरानी थी और अवैध ढांचा नहीं थी।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘वे पवित्र वस्तुओं, कुरान, मजारों के ऊपर की चादरों, और मजारों के अंदर रखी धनराशि सहित मलबे के साथ सब कुछ ले गए।’’
अहमद का परिवार चार पीढ़ियों से अधिक समय से मजारों की देखभाल कर रहा था। अहमद ने दावा किया कि उन्हें मजार ध्वस्त किये जाने के संबंध में नगर निकाय द्वारा कोई नोटिस नहीं दिया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे रिश्तेदार जो मस्जिद के पास रहते हैं, जब उन्होंने उनसे इस बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी मजार पर जाने की भी अनुमति नहीं दी गई। सुबह लगभग पांच बजे, जब मैं हमेशा की तरह वहां गया, तो यह देखकर चौंक गया कि वह जगह खाली थी… कोई मजार नहीं थी और सब कुछ हटा दिया गया था।’’
इस कार्रवाई के संबंध के बारे में पूछे जाने पर, एनडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘ढांचों को हटाने के बाद फुटपाथ का निर्माण शुरू किया गया है और वर्तमान में कार्य प्रगति पर है।’’
भाषा देवेंद्र सुभाष
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