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Wednesday, 1 October, 2025
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आरएसएस के 100 साल के सफर के प्रमुख घटनाक्रम

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नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) बृहस्पतिवार को अपने 100 साल पूरे करने वाला है और अपनी स्थापना के बाद से इसने सबसे बड़ा सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन बनने तक एक लंबा सफर तय किया है।

1925: डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर को आरएसएस की स्थापना की।

1926: 17 अप्रैल को संगठन को ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ नाम मिला जब हेडगेवार के अनुयायियों के एक छोटे समूह ने चार प्रस्तावित नामों में से इस नाम को सबसे ज्यादा वोट दिए।

1926: पहली नित्य शाखा नागपुर में 28 मई से शुरू हुई।

1927: पदाधिकारियों का पहला प्रशिक्षण शिविर मई में शुरू हुआ जिसमें 17 प्रतिभागी शामिल हुए।

1928: मार्च में पहले प्रतिज्ञा समारोह में 99 स्वयंसेवक शामिल हुए।

1929: नवंबर में हुई दो दिवसीय बैठक में हेडगेवार को आरएसएस सरसंघ चालक, बालाजी हुद्दार को सरकार्यवाह और मार्तंडराव जोग को सरसेनापति नियुक्त किया गया।

1930: कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। हेडगेवार ने सभी शाखाओं को 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया।

हेडगेवार ने कई स्वयंसेवकों के साथ जंगल सत्याग्रह में भाग लिया और गिरफ्तार हुए। खाकी टोपी के स्थान पर काली टोपी को आरएसएस के गणवेश के हिस्से के रूप में अपनाया गया।

1940: ब्रिटिश सरकार ने संघ गणवेश और रूट मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया। हिंदी और मराठी प्रार्थना के स्थान पर संस्कृत प्रार्थना शुरू की गई। हेडगेवार का 21 जून को निधन हो गया। माधव सदाशिव गोलवलकर को तीन जुलाई को आरएसएस का दूसरा सरसंघचालक नियुक्त किया गया।

1947: आरएसएस स्वयंसेवकों ने केन्या में भारतीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। ‘ऑर्गनाइजर’ और ‘पांचजन्य’ साप्ताहिक पत्रिकाएं शुरू की गईं।

1948: 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। तत्कालीन आरएसएस प्रमुख माधव सदाशिव गोलवलकर और हजारों स्वयंसेवकों को गिरफ्तार कर लिया गया।

1949: सरकार ने 12 जुलाई 1949 को प्रतिबंध हटा लिया। संघ का संविधान तैयार किया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की स्थापना की गई।

1950: आरएसएस की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की पहली बैठक मार्च में हुई। पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की मदद के लिए वास्तुहारा सहायता समिति की स्थापना की गई।

1952: गोरक्षा आंदोलन का प्रारंभ। वनवासी कल्याण आश्रम प्रारंभ। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ की स्थापना।

1954: दादरा नगर हवेली को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त कराने में स्वयंसेवकों ने मदद की।

1955: गोवा मुक्ति संग्राम में स्वयंसेवकों की प्रभावी सहभागितता। भारतीय मजदूर संघ की स्थापना।

1963: 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रण मिलने पर लगभग 3000 आरएसएस स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश और बैंड के साथ भाग लिया।

1964: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की स्थापना हुई।

1973: पांच जून को माधव सदाशिव गोलवलकर का निधन हो गया। छह जून को बालासाहब देवरस तृतीय सरसंघचालक बने।

1975: इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून को आपातकाल लागू कर दिया। चार जुलाई को आरएसएस पर दूसरी बार प्रतिबंध लगा दिया गया। बालासाहब को गिरफ्तार कर लिया गया। आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष हेतु अखिल भारतीय लोक संघर्ष समिति की स्थापना की गई।

1977: भारतीय जनसंघ का नवगठित जनता पार्टी में विलय हो गया और वह सत्ता में आई। सरकार ने 22 मार्च को संघ पर से प्रतिबंध हटा लिया। जयप्रकाश नारायण ने 3 नवंबर को पटना में आरएसएस की बैठक को संबोधित किया।

1978: दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना हुई।

1980: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन हुआ।

1981: संस्कार भारती की स्थापना हुई।

1992: अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद 10 दिसंबर को केंद्र ने आरएसएस पर तीसरी बार प्रतिबंध लगा दिया।

1993: सरकार द्वारा नियुक्त न्यायाधिकरण ने चार जून को संघ पर प्रतिबंध को गलत ठहराते हुए इसे निरस्त किया। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद का गठन।

1994: 11 मार्च प्रो. राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जूभैय्या सरसंघचालक घोषित हुए। संघ के अखिल भारतीय सेवा विभाग का प्रारंभ। लघु उद्योग भारती का गठन।

1998: भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने केंद्र में सरकार बनाई, जिसके प्रधानमंत्री आरएसएस के पूर्व प्रचारक अटल बिहारी वाजपेयी थे।

2000: के.एस. सुदर्शन को 11 मार्च को आरएसएस का पांचवां सरसंघचालक नियुक्त किया गया।

2009: के.एस. सुदर्शन ने डॉ. मोहन भागवत को संघ का अगला सरसंघचालक नियुक्त किया। सुरेश भैयाजी जोशी संघ के सरकार्यवाह चुने गए।

2016: आरएसएस ने स्वयंसेवकों की वर्दी के लिए खाकी निकर की जगह भूरे रंग की पतलून को अपनाया।

2021: दत्तात्रेय होसबोले आरएसएस के सरकार्यवाह चुने गए।

भाषा खारी अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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