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Wednesday, 13 August, 2025
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केरल : कन्नूर विवि में छात्रसंघ चुनाव के बीच एसएफआई की पुलिस, यूडीएसएफ के साथ झड़प

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कन्नूर (केरल), छह अगस्त (भाषा) कन्नूर विश्वविद्यालय में बुधवार को छात्र संघ चुनाव के दौरान उस समय तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई जब एसएफआई की एक उम्मीदवार पर एमएसएफ यूयूसी सदस्य का मतदाता प्रमाणपत्र वाला बैग छीनने का आरोप लगा, और फिर दोनों छात्र संगठनों के बीच झड़प हो गई।

पुलिस ने महिला उम्मीदवार को रोकने की कोशिश की लेकिन बड़ी संख्या में एसएफआई के सदस्यों ने हस्तक्षेप किया और पुलिसकर्मियों से उनकी झड़प हो गई। इसके बाद एसएफआई के सदस्य महिला उम्मीदवार को अपने साथ ले गए।

टीवी चैनलों पर प्रसारित दृश्यों में देखा गया कि महिला एसएफआई उम्मीदवार पुलिस से छूटने के बाद अपने साथियों के साथ दौड़ते हुए नजर आ रही है।

एसएफआई भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से संबद्ध छात्र संगठन है।

इस दौरान एसएफआई कार्यकर्ताओं के साथ हुई झड़प में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया।

एसएफआई के राज्य सचिव पी.एस. संजीव ने पत्रकारों से कहा कि पुलिस ने बिना किसी साक्ष्य के एसएफआई उम्मीदवार को रोका, जबकि यह आरोप केवल एमएसएफ की ओर से लगाया गया था। उन्होंने दावा किया कि महिला उम्मीदवार को सिर्फ एमएसएफ के आरोप के आधार पर रोका गया।

एमएसएफ यानी ‘मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन’ आईयूएमएल यानी ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’ की छात्र शाखा है। एमएसएफ की यूनिवर्सिटी यूनियन काउंसिल (यूसीसी) सदस्य का बैग छीने जाने के आरोप के संबंध संजीव ने कहा कि इस बारे में कोई प्रमाण नहीं हैं।

स्थिति तब और बिगड़ गई जब एसएफआई और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (यूडीएसएफ) के सदस्यों में टकराव हो गया, जिसमें दोनों पक्षों के कई सदस्य घायल हो गए। यूडीएसएफ केरल स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) और मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) का गठबंधन है।

दोनों गुटों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

केरल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस की तैनाती की गई थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि विश्वविद्यालय संघ चुनाव की प्रक्रिया के लिए कुलपति आवश्यक होने पर पुलिस सहायता ले सकते हैं।

उच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया था कि पूरी चुनाव प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग कर उसे संरक्षित रखा जाए।

यह आदेश एक एमएसएफ उम्मीदवार की याचिका पर दिया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एसएफआई के उम्मीदवारों द्वारा उनके संगठन के प्रत्याशियों को धमकाया गया और नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका गया।

भाषा मनीषा शोभना

शोभना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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