कोझिकोड, 28 सितंबर (भाषा) केरल को तीन दशक पहले हिला कर रख देने वाली कुथुपरम्बा पुलिस गोलीबारी की घटना में जीवित बचे प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ता पुथुकुडी पुष्पन का शनिवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
वर्ष 1994 में कुथुपरम्बा गोलीकांड में गंभीर रूप से घायल हुए पुष्पन (54) पिछले कई वर्षों से शय्याग्रस्त थे। उन्हें इस घटना का ‘जीवित शहीद’ माना जाता था।
इस गोलीबारी में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के युवा संगठन डीवाईएफआई के पांच कार्यकर्ता मारे गए थे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पुष्पन कुछ समय से अस्वस्थ थे और दो अगस्त को उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सूत्रों ने बताया कि शनिवार अपराह्न साढ़े तीन बजे पुष्पन ने अंतिम सांस ली।
उत्तरी कन्नूर जिले के चोकली के निकट मप्राणम के रहने वाले पुष्पन को 25 नवंबर, 1994 को कुथुपरम्बा में डीवाईएफआई द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी की घटना में गंभीर चोटें आई थीं।
पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में डीवाईएफआई के पांच कार्यकर्ता मारे गए और पुष्पन सहित कुछ अन्य कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए।
गोली पुष्पन की गर्दन के पिछले हिस्से में लगी, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई और वह जीवन भर के लिए लकवाग्रस्त हो गये।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दिवंगत वामपंथी कार्यकर्ता को मानवता और बलिदान का प्रतीक बताया। भावुक हुए विजयन ने कहा कि पुष्पन के निधन से उन्हें बहुत दुख पहुंचा है।
पुष्पन द्वारा झेली गई पीड़ा का उल्लेख करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता विजयन ने उन्हें (पुष्पन को) और उनके संघर्षों को पार्टी के इतिहास का एक महान हिस्सा बताया।
भाषा जितेंद्र पवनेश
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