अंगमाली (केरल), 21 जनवरी (भाषा) केरल में प्रदर्शनकारियों ने वाम सरकार की महत्वाकांक्षी सिल्वर लाइन रेल कॉरीडोर परियोजना के तहत अंगमाली में धान के एक खेत में रखे गए सर्वे पत्थरों को शुक्रवार सुबह हटा दिया। राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने प्रदर्शनकारियों के इस कदम के प्रति पूर्ण समर्थन जताया।
‘जनकीय समिति’ के बैनर तले लगभग 30 प्रदर्शनकारी एर्नाकुलम जिले के अंगमाली में पुलियानम स्थित त्रिवेणी खेत पहुंचे और अधिकारियों द्वारा लगाए गए सर्वे पत्थरों को हटा दिया।
परक्कड़वु पंचायत के खेत में स्थापित कम से कम छह सर्वे पत्थरों को तो बृहस्पतिवार रात ही उखाड़कर उन पर फूल चढ़ा दिए गए थे।
करोड़ों रुपये की सिल्वर लाइन रेल परियोजना का विरोध कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फूल चढ़े पीले सर्वे पत्थरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं।
अंगमाली के विधायक एवं कांग्रेस नेता रोजी एम जॉन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘अधिकारियों ने पुलिस बल की मदद से सर्वे पत्थर स्थापित किए थे। उन्होंने इसका विरोध करने वाले लोगों को धमकाया और गिरफ्तार किया था।’
जॉन ने लिखा, ‘मुख्यमंत्री पी विजयन के नेतृत्व वाली सरकार जनता की मर्जी के खिलाफ सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ रही है। उन लोगों की बहादुरी को सलाम, जिन्होंने अहंकारी सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिया है।’
वहीं, केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कोच्चि में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार इस भ्रम में थी कि पुलिस बल का इस्तेमाल कर सिल्वर लाइन रेल कॉरीडोर परियोजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों को दबाया जा सकता है।
सतीशन ने आरोप लगाया कि केरल सरकार ने सर्वे पत्थर अवैध रूप से लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि उच्च न्यायालय के एक हालिया फैसले से स्पष्ट है कि सर्वे पत्थरों को हटाना गैरकानूनी नहीं है।
केरल में स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों ने हाल के दिनों में राजनीतिक रूप संवेदनशील कन्नूर जिले सहित कई अन्य इलाकों में सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट के सामाजिक प्रभाव के अध्ययन के लिए लगाए गए सर्वे पत्थर हटाए हैं।
मुख्यमंत्री पी विजयन ने स्पष्ट किया है कि सर्वे पत्थरों को हटाने से विकास कार्य नहीं रुकेगा और इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हर हाल में पूरा किया जाएगा।
सिल्वर लाइन रेल कॉरीडोर के निर्माण पर कुल 63,941 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह कॉरीडोर राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को जोड़ेगा।
भाषा पारुल नरेश
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