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रविवार, 8 जून, 2025
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केरल: नीलांबुर में करंट लगने से नाबालिग की मौत को लेकर छिड़ा राजनीतिक विवाद

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मलप्पुरम, आठ जून (भाषा) केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव से महज चंद दिनों पहले क्षेत्र में नाबालिग की करंट लगने से हुई मौत को लेकर रविवार को राजनीतिक विवाद छिड़ गया।

सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने इस घटना को लेकर एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

नाबालिग अनंथु उर्फ ​​जीतू दसवीं कक्षा का छात्र था और उसकी शनिवार को वझिकाडावु में जंगली सुअरों को पकड़ने के लिए लगाए गए अवैध जाल के संपर्क में आने से करंट से मौत हो गई थी। यह जाल एक निजी भूमि पर लगाया गया था।

स्थानीय लोगों ने जीतू को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि दो अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गये हैं।

पुलिस ने रविवार को घटना की पुष्टि की और बताया कि जंगली सुअरों को पकड़ने के लिए जाल विनेश नाम के एक निवासी ने लगाया था और उसे गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।

जीतू की मौत से क्षेत्र में तनाव फैल गया और एक नया राजनीतिक विवाद छिड़ गया।

सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने इस घटना को लेकर एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए।

यूडीएफ ने शनिवार रात नाबालिग की मौत को लेकर मलप्पुरम और नीलांबुर में विरोध मार्च निकाला तथा इस घटना को ‘सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या’ करार दिया।

विपक्षी दल ने इस तरह के अवैध जाल के खिलाफ प्रशासनिक निष्क्रियता को दोषी ठहराया।

नीलांबुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए यूडीएफ के उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने कहा कि केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) को इस बात की जानकारी थी कि इस तरह के बिजली के अवैध जाल बिछाए गए हैं और इसलिए सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।

राज्य सरकार के वन मंत्री एके ससीन्द्रन ने हालांकि रविवार को आरोपों से इनकार करते हुए इस घटना को उपचुनाव से पहले एक ‘राजनीतिक साजिश’ बताया। ससीन्द्रन ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव से पहले स्थानीय लोगों की भावनाओं को सरकार और वन विभाग के खिलाफ भड़काने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है।

मंत्री ने इस घटना को ‘दुखद और दर्दनाक’ बताते हुए कहा कि एक नाबालिग की मौत हो गई और दो अन्य लोगों की हालत गंभीर है तथा मामले की व्यापक जांच जारी है।

उन्होंने बताया, “यह घटना एक निजी संपत्ति में हुई। लेकिन मालिक का कहना है कि उसने वहां ऐसा कोई अवैध जाल नहीं लगाया था। स्थानीय लोगों ने भी कहा कि कल (शनिवार) शाम तक ऐसा कोई जाल नहीं लगा था। केएसईबी अधिकारियों ने जानकारी नहीं होने की पुष्टि की।”

वन्यजीव विभाग भी लंबे समय से बिजली के बाड़ का उपयोग नहीं कर रहा है।

मंत्री ने कहा, “इसलिए हम इस घटना के पीछे राजनीतिक साजिश की संभावना से इनकार नहीं कर सकते। विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं।”

भाषा जितेंद्र पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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