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शनिवार, 14 जून, 2025
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सपनों का घर अधूरा रह गया: एयर इंडिया क्रैश में गई केरल की नर्स की जान, दो बच्चों की अकेली सहारा थी

पुल्लाड गांव की 39 वर्षीय रंजीता जी नायर कुछ समय के लिए घर से लंदन लौट रही थीं. 7 महीने पहले ब्रिटेन में नौकरी मिलने से पहले उन्होंने कई सालों तक कतर में नर्स के तौर पर काम किया था.

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थिरुवनंतपुरम: जैसे ही देश लंदन जा रहे एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए 241 यात्रियों के दुखद निधन पर शोक मना रहा है, केरल के पतनमतिट्टा जिले में भी मातम पसरा है. हादसे में मारी गईं लोगों में पुल्लाड गांव की 39 वर्षीय नर्स रंजीता जी. नायर भी थीं, जो अपने छोटे से घर के दौरे के बाद लंदन लौट रही थीं.

उनकी अचानक हुई मौत ने न सिर्फ उनके परिवार को गहरा दुख पहुंचाया है, बल्कि उनके अधूरे सपनों पर भी विराम लगा दिया है—वे वर्षों से अपने सपनों का घर बनवा रही थीं, जो अब अधूरा रह गया.

रंजीता बुधवार शाम ट्रेन से कोच्चि के नेदुंबसेरी एयरपोर्ट पहुंचीं थीं. वहां से उन्होंने चेन्नई के लिए उड़ान भरी और फिर अहमदाबाद पहुंचीं, जहां से उन्हें लंदन के लिए अंतिम उड़ान लेनी थी.

लेकिन गुरुवार को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 242 लोग सवार थे और सिर्फ एक व्यक्ति बच पाया. विमान डॉक्टरों के हॉस्टल से टकरा गया, जिससे नुकसान और बढ़ गया.

रंजीता कई सालों तक कतर के दोहा में नर्स के रूप में काम कर चुकी थीं. सात महीने पहले उन्हें यूके में नौकरी मिली थी. वे केरल सिर्फ कुछ दस्तावेजी काम के लिए आई थीं, यह जानकारी उनके पड़ोसी और पूर्व स्थानीय निकाय सदस्य पी. जी. अनिल कुमार ने दी.

अनिल ने कहा, “वे वर्षों से अपने घर की योजना और निर्माण में लगी थीं. यह उनका सबसे बड़ा सपना था. काम लगभग पूरा हो चुका था और वे इस आने वाले ओणम में घर में प्रवेश करने की योजना बना रही थीं.”

रंजीता अपने बुजुर्ग मां और दो स्कूली बच्चों को पीछे छोड़ गई हैं, जो क्रमशः कक्षा 10 और कक्षा 7 में पढ़ते हैं.

अनिल ने बताया कि भले ही रंजीता कम समय के लिए आती थीं, लेकिन वे हर किसी से मिलती थीं, जिससे वे सबके दिलों में बस गई थीं.

अनिल ने आगे जोड़ा, “रंजीता हम सबकी बेटी जैसी थीं. वे हमेशा मुस्कान के साथ मिलती थीं और कुछ ही दिनों के लिए घर आने पर भी सबका हालचाल जरूर पूछती थीं. वे परिवार की एकमात्र कमाने वाली थीं और अपने बच्चों और मां के बेहतर भविष्य के लिए लगातार मेहनत करती थीं.”

जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम रंजीता के भाई-बहनों के अहमदाबाद जाने की व्यवस्था की ताकि डीएनए पहचान की प्रक्रिया में सहायता की जा सके.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज, जो अरणमुला से विधायक भी हैं, और पतनमतिट्टा के सांसद एंटो एंटनी ने शुक्रवार को शोकग्रस्त परिवार से मुलाकात की.

“यह सिर्फ उनके परिवार की नहीं, पूरे इलाके की क्षति है. हम गुरुवार रात से ही अहमदाबाद के अधिकारियों के संपर्क में हैं और हमें बताया गया है कि डीएनए परीक्षण की व्यवस्था की गई है. सरकार परिवार को हर संभव सहायता देगी,” जॉर्ज ने दौरे के बाद पत्रकारों से कहा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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