तिरुवनंतपुरम, चार जून (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के स्कूली पाठ्यक्रम से अरबी और महल भाषाओं को हटाने के कथित फैसले की बुधवार को आलोचना की।
उन्होंने कहा कि यह ‘बेहद परेशान करने वाला’ फैसला है तथा इसकी ‘कड़ी निंदा’ की जानी चाहिए।
शिवनकुट्टी ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने की आड़ में उठाया गया यह कदम शिक्षा में मातृभाषाओं और क्षेत्रीय विविधता को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के बिल्कुल विपरीत है।
उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप के बच्चों को अपनी भाषा सीखने के अवसर से वंचित करके केंद्र सरकार भाषाई अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।
वरिष्ठ वामपंथी नेता ने कहा कि ऐसा करके वह उस बहुलवाद और समावेशिता को कमजोर कर रहा है जो हमारे राष्ट्र को परिभाषित करती है।
उन्होंने बयान में कहा कि यह कदम ‘बेहद परेशान करने वाला’ है और इसकी ‘कड़ी निंदा’ की जानी चाहिए।
भाषा जोहेब सुरेश
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