कोच्चि, 30 मार्च (भाषा) केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी)ने राज्य के सांसदों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की अपील कर नयी राजनीतिक बहस छेड़ दी है।
केसीबीसी की अपील के साथ ही विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ)और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ)पर मुनंबम भूमि विवाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दबाव बढ़ गया है।
केसीबीसी ने एक बयान में मुनंबम की घटना का जिक्र करते हुए निर्वाचित प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि जब वक्फ अधिनियम में संशोधन संबंधी विधेयक संसद में चर्चा के लिए आए, तो वे ‘असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण प्रावधानों’ में बदलाव के पक्ष में मतदान करें।
यह अपील शनिवार को केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल बेसिलियोस क्लीमिस कैथोलिकोस ने की।
एर्णाकुलम जिले के चेराई और मुनंबम गांवों के निवासियों ने आरोप लगाया है कि वक्फ बोर्ड उनकी भूमि और संपत्तियों पर अवैध रूप से दावा कर रहा है, जबकि उनके पास पंजीकृत दस्तावेज और भूमि कर भुगतान रसीदें मौजूद हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई ने रविवार को केसीबीसी के रुख का स्वागत किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि लोगों के मुद्दों का समाधान करना राजनीतिक नेताओं का कर्तव्य है।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने कहा कि पार्टी कोई निर्णय लेने से पहले केसीबीसी के रुख पर विचार करेगी।
वहीं माकपा ने अभी तक केसीबीसी के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पिछले साल, यूडीएफ और एलडीएफ दोनों ने राज्य विधानसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था।
मुनंबम भू संरक्षण समिति के तहत मुनंबम निवासियों का विरोध प्रदर्शन 150 दिनों से जारी है।
भाषा धीरज दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.