तिरुवनंतपुरम, 25 दिसंबर (भाषा) केरल में लोक सेवा अयोग (पीएससी) की भर्तियों में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के डेटा चोरी होने की खबर प्रकाशित करने वाले दैनिक मलयालम अखबार के एक संवाददाता का फोन राज्य की अपराध शाखा द्वारा जब्त किए जाने की कार्रवाई का पत्रकारों ने विरोध किया और आरोप लगाया कि संवाददाता को उसके सूत्रों का खुलासा करने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया गया।
दैनिक अखबार ‘मध्यमम’ के संवाददाता अनिरु अशोकन को जारी किए गए नोटिस के विरोध में मंगलवार को ‘केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स’ (केयूडब्लयूजे) की जिला समिति ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय तक एक मार्च निकाला। कोच्चि, कोझिकोड और कन्नूर सहित विभिन्न जिलों में भी इसी तरह का मार्च निकाला गया।
तिरुवनंतपुरम में मार्च की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के संयोजक एम एम हसन ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई एक फासीवादी कदम है और कहा कि इस तरह की खबर के सूत्रों का खुलासा करने के लिए एक पत्रकार से पूछताछ करना मीडिया की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि पुलिस और सरकार मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की कोशिश न करें। वरिष्ठ पत्रकार आर राजगोपाल ने भी संवाददाताओं को संबोधित किया।
खबर में बताया गया कि पीएससी की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले लगभग 65 लाख अभ्यर्थियों की लॉगइन जानकारी हैकर ने कथित रूप से चुरा ली और बताया गया कि इस जानकारी को ‘डार्क वेब’ पर बेचा जा रहा है।
अखबार ने कहा कि उनके संवाददाता के खिलाफ इस मामले को कानूनी तौर पर लड़ा जाएगा।
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