कोच्चि, दस फरवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को हाल ही में पारित केरल लोकायुक्त (संशोधन) अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। यह अध्यादेश लोकायुक्त के आदेशों और घोषणाओं पर कार्यपालिका को अपीलीय प्राधिकरण बनाता है।
मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कार्यपालिका अध्यादेश पारित करके न्यायपालिका और अर्ध-न्यायिक निकायों के क्षेत्र में ‘अतिक्रमण’ कर रही है, जो भारतीय संविधान में दिए शक्तियों के पृथक्किरण के सिद्धांत के खिलाफ है।
पीठ ने यह भी कहा कि याचिका के लंबित रहने के दौरान नए अध्यादेश के जरिये गठित प्राधिकरण का कोई भी निर्णय सामाजिक कार्यकर्ता आरएस शशिकुमार की याचिका के अंतिम निष्कर्ष के अधीन होगा। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता जॉर्ज पूनथोट्टम कर रहे थे।
इस अंतरिम निर्देश के साथ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात मार्च की तारीख तय कर दी।
राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता के गोपालकृष्ण कुरुप और याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे अधिवक्ता अरुण चंद्रन ने आदेश की पुष्टि की।
शशिकुमार ने अपनी याचिका में अदालत से यह घोषणा करने का आग्रह किया है कि अध्यादेश अमान्य और संविधान का उल्लंघन है।
मंगलवार को राजपत्र में अधिसूचित अध्यादेश के मुताबिक, राज्यपाल, मुख्यमंत्री या राज्य सरकार सक्षम प्राधिकारी होंगे और वे सुनवाई का अवसर देने के बाद लोकायुक्त के किसी आदेश या घोषणा को स्वीकार या अस्वीकार कर सकेंगे।
भाषा पारुल मनीषा अनूप
अनूप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.