कोच्चि, चार फरवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने कोट्टायम जिले में सिल्वर लाइन परियोजना के संबंध में किए जा रहे सर्वेक्षण को सात फरवरी तक टालने के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालस इस पर फैसला बाद में सुनायेगा।
मामले से जुड़े वकीलों ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की पीठ ने कई घंटों तक सुनवाई में राज्य, रेलवे और संपत्ति मालिकों की ओर से दलीलें सुनीं और फिर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
एकल न्यायाधीश का 20 जनवरी का आदेश संपत्ति के मालिकों द्वारा उनके भूखंडों में ‘के-रेल’ के निशान वाले कंक्रीट के खंभे गाड़ने के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर आया था। राज्य सरकार ने अपनी अपील में दलील दी है कि केरल सर्वेक्षण और सीमांकन नियम या सर्वेक्षण और सीमांकन कानून के तहत सर्वेक्षण के निशान के रूप में कंक्रीट के खंभे लगाने पर कोई रोक नहीं है।
केरल सरकार की महत्वाकांक्षी सिल्वर लाइन परियोजना से तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक यात्रा के समय को लगभग चार घंटे तक कम होने की उम्मीद है। तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक 540 किलोमीटर की लाइन ‘के-रेल’ द्वारा विकसित की जाएगी। ‘के-रेल’ राज्य में रेलवे बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केरल सरकार और रेल मंत्रालय का एक संयुक्त उपक्रम है।
भाषा आशीष अनूप
अनूप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.