कोट्टायम (केरल), 23 जनवरी (भाषा) अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के एक दिन बाद केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के युवा संगठन ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवाईएफआई) ने ‘राम के नाम’ वृत्तचित्र को मंगलवार शाम यहां राज्य सरकार द्वारा संचालित फिल्म संस्थान के सामने प्रदर्शित करने की घोषणा की।
पुरस्कार विजेता निर्देशक आनंद पटवर्धन द्वारा वर्ष 1992 में निर्देशित इस वृतचित्र में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा अयोध्या में तत्कालीन विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के लिए चलाए गए अभियान के साथ-साथ इसके कारण हुई सांप्रदायिक हिंसा को दिखाया गया है।
केआर नारायणन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विजुअल साइंस एंड आर्ट्स के छात्रों ने सोमवार को अपने कॉलेज के सामने वृतचित्र को दिखाने की कोशिश की लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ स्थानीय पदाधिकारियों और दक्षिणपंथियों कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद उन्हें परिसर के अंदर ही इस वृतचित्र की स्क्रीनिंग के लिए मजबूर होना पड़ा।
संस्थान के छात्रों ने सोमवार रात साढ़े नौ बजे वृतचित्र का प्रदर्शन किया और इसे देखने के लिए लड़कियों सहित 40 से अधिक विद्यार्थी वहां मौजूद थे। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि तभी वहां भाजपा पदाधिकारी पहुंच गए और इसे रोकने की कथित तौर पर धमकी दी।
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस ने विद्यार्थियों से परिसर के अंदर वृत्तचित्र दिखाने का अनुरोध किया, जिसपर वे सहमत हो गए।
डीवाईएफआई नेताओं ने मंगलवार शाम को कॉलेज गेट के सामने ‘राम के नाम’ वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग करने की घोषणा की। डीवाईएफआई केंद्रीय समिति के सदस्य जैक सी थॉमस ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”हम आज (मंगलवार) शाम सात बजे तक संस्थान के सामने अपने गेट के पास वृतचित्र की स्क्रीनिंग करेंगे। स्क्रीनिंग उसी स्थान पर होगी, जहां छात्रों ने सोमवार को वृतचित्र दिखाने की कोशिश की थी।”
भाषा जितेंद्र मनीषा
मनीषा
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