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बुधवार, 28 मई, 2025
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केरल ने जहाज दुर्घटना के बाद प्लास्टिक के दानों की सफाई के लिए स्वयंसेवकों तैनात किये

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(तस्वीर के साथ)

तिरुवनंतपुरम, 28 मई (भाषा)केरल तट पर एक मालवाहक जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद किनारे पर बहकर आए प्लास्टिक के दानों को साफ करने के लिए राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर एक सफाई अभियान शुरू किया है।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद बुधवार को कहा कि दानों को हटाने और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण के आधार पर तट के किनारे हर 100 मीटर पर स्वयंसेवक तैनात किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पुलिस, अग्निशमन सेवा और प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी प्रयासों का समन्वय कर रहे हैं। स्वयंसेवकों को सुरक्षा प्रशिक्षण दिया गया है और पर्यवेक्षक यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी व्यक्ति को कोई भी खतरा न हो।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा कि सरकार की शीर्ष प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और मत्स्य उद्योग की रक्षा करना हैं।

बयान में कहा गया है कि तटीय स्थानीय स्वशासन संस्थाओं और मछुआरा समुदायों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे तट पर आने वाली असामान्य वस्तुओं या कंटेनर से कैसे निपटें।

सीएमओ ने बताया कि इसके अलावा दुर्घटनाग्रस्त जहाज के मलबे वाले स्थान के आसपास 20 समुद्री मील के दायरे में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

बयान के मुताबिक, ‘‘प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नेतृत्व में त्वरित प्रतिक्रिया दल, तट तक पहुंचने वाले किसी भी तेल रिसाव से निपटने के लिए तैयार हैं। तेल को फैलने से रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर व्यवस्था की गई है, और नदियों के मुहानों के रास्ते तेल को नदियों तक पहुंचने से रोकने की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।’’

विजयन के निर्देश पर बुलाई गई विशेषज्ञों की बैठक में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपने काम के लिए दुनिया भर में प्रख्यात डॉ. मुरली थुम्मारुकुडी भी शामिल थे। केरल के आपदा प्रतिक्रिया और पर्यावरण विभागों के अधिकारी भी इसमें शामिल हुए।

विशेषज्ञों में विश्व समुद्री विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ. ओलोफ लिंडेन, पर्यावरण अर्थशास्त्री शांताकुमार, पेट्रोलियम रसायन विश्लेषक डॉ. बाबू पिल्लै और तटीय अपशिष्ट विशेषज्ञ माइक कोविंग शामिल थे।

विज्ञप्ति के मुताबिक बैठक में केरल के मुख्य सचिव और तटीय जिलों के जिलाधिकारी और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

लाइबेरिया का मालवाहक जहाज एमएससी ईएलएसए 3 रविवार को सुबह कोच्चि तट से 15 समुद्री मील दूर डूब गया था।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, जहाज पर दुर्घटना के समय 640 कंटेनर लदे थे, जिनमें से 13 में खतरनाक माल भरा था और 12 कंटेनरम में कैल्शियम कार्बाइड था। जहाज पर 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भी लदा था।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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