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सोमवार, 9 जून, 2025
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केरल के मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु के राज्यपाल के संबंध में अदालत के फैसले को ‘लोकतंत्र की जीत’ बताया

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तिरुवनंतपुरम, आठ अप्रैल (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने विधेयकों को रोके जाने को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि के खिलाफ मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह संघीय ढांचे और राज्य विधानसभा के लोकतांत्रिक अधिकारों को बरकरार रखता है।

पूर्व में महत्वपूर्ण विधेयकों को रोके रखने को लेकर विजयन सरकार और केरल के तत्कालीन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच टकराव देखने को मिला था।

विजयन ने एक बयान में कहा कि शीर्ष अदालत ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि राज्यपालों को मंत्रिमंडल की सलाह के अनुसार काम करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय विधेयकों को पारित करने के लिए एक विशिष्ट समयसीमा भी निर्धारित करता है।

फैसले को राज्यपालों द्वारा राज्य विधायिका की शक्तियों को ‘‘हड़पने की प्रवृत्ति’’ के खिलाफ चेतावनी बताते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ‘‘लोकतंत्र की जीत’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं जहां विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को 23 महीने तक रोककर रखा गया है और अधर में लटका दिया गया है।’’

द्रमुक नीत तमिलनाडु सरकार को मंगलवार को तब बड़ी जीत हासिल हुई जब उच्चतम न्यायालय ने राज्यपाल आर एन रवि द्वारा रोके गए और राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रखे गए 10 विधेयकों को मंजूरी दे दी, साथ ही राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर कार्रवाई करने के लिए राज्यपालों के लिए समयसीमा भी तय कर दी।

न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा, ‘‘दस विधेयकों को राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रखने का राज्यपाल का कदम गैरकानूनी और मनमाना है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘(संबंधित) 10 विधेयकों को उस तारीख से स्वीकृत माना जाएगा जिस दिन इन्हें राज्यपाल के समक्ष पुन: प्रस्तुत किया गया था।’’

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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