नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) केरल में तैनात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी के खिलाफ हाल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले राज्य के एक व्यवसायी ने केंद्रीय एजेंसी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है, लेकिन समझा जाता है कि उसने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कोई जानकारी या कोई सबूत होने से इनकार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
व्यवसायी अनीश बाबू ने छह जून को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष गवाही दी और उसका बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के प्रावधानों के अनुसार एजेंसी द्वारा ‘दृश्य श्रव्य’ सक्षम कैमरे के साथ दर्ज किया गया। धन शोधन रोधी कानून के तहत दिया गया ऐसा बयान अदालत के समक्ष स्वीकार्य है।
एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बाबू ने ईडी के समन के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसके बाद केरल उच्च न्यायालय ने उन्हें 30 मई को एजेंसी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हुए और छह जून के लिए जारी दूसरे समन पर पेश हुए।
पिछले महीने, एर्नाकुलम में केरल सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक (वीएसीबी) कार्यालय ने कोच्चि कार्यालय में कार्यरत संघीय जांच एजेंसी के सहायक निदेशक रैंक के अधिकारी शेखर कुमार और कुछ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
वीएसीबी ने इस आरोप पर कार्रवाई की थी कि कुछ निजी व्यक्तियों ने बाबू से संपर्क किया और उनके खिलाफ मार्च, 2021 में दर्ज धन शोधन मामले की ईडी द्वारा की जा रही जांच को निपटाने के एवज में उनसे दो करोड़ रुपये की मांग की थी।
इसके बाद, दिल्ली में ईडी के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने वीएसीबी की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए अपने अधिकारी और अन्य के खिलाफ इन रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के लिए धन शोधन का मामला दर्ज किया, जिसमें कुमार को पहले आरोपी के रूप में नामित किया गया था।
सूत्रों ने कहा कि बाबू ने पिछले हफ्ते दिल्ली में अपना बयान दर्ज कराते समय वीएसीबी मामले में किसी भी ईडी अधिकारी की संलिप्तता के बारे में जानकारी होने से ‘‘इनकार’’ किया था और कहा था कि वह ‘‘केवल’’ विल्सन नामक एक व्यक्ति को जानता है।
भाषा संतोष नेत्रपाल
नेत्रपाल
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