तिरुवनंतपुरम, 28 अगस्त (भाषा) केरल में बुधवार को समाज सुधारक महात्मा अय्यंकालि की 161वीं जयंती मनाई, जिन्होंने राज्य में जाति-आधारित उत्पीड़न और सामाजिक असमानता के खिलाफ जंग लड़ी थी।
अय्यंकालि (1863-1941) को केरल के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियत में से एक माना जाता है, जिन्होंने तत्कालीन त्रावणकोर रियासत के जाति व्यवस्था आधारित समाज में दबे-कुचले वर्गों के अधिकारों के लिए आंदोलन की अगुवाई की थी।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर पोस्ट कर कहा कि अय्यंकालि ने त्रावणकोर रियासत के उत्पीड़ित लोगों को जाति-जमींदार व्यवस्था के खिलाफ लड़ने की ताकत दी जिन्हें कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता, शिक्षा और उचित वेतन से वंचित रखा गया।
विजयन ने कहा कि अय्यंकालि के नेतृत्व में जाति-आधारित प्रधानता पर सवाल उठाए जाने और विल्लुवंडी (बेलगाड़ी) यात्रा तथा ‘कल्लुमाला’ संघर्ष से उच्च जातियों के प्रभुत्व को गहरा झटका लगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा प्रतिबंधों के खिलाफ अय्यंकालि की ‘विल्लुवंडी’ यात्रा ने केरल में बाद के सामाजिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
उन्होंने इस अवसर पर दलित बच्चों को स्कूल में दाखिला न देने के खिलाफ अय्यंकालि की लड़ाई और खेतिहर श्रमिकों का वेतन बढ़ाने के लिए किए गए संघर्ष को भी याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आधुनिक केरल का निर्माण अय्यंकालि और अन्य लोगों के नेतृत्व में संगठित संघर्षों की वजह से ही हुआ है। मैं कामना करता हूं कि अय्यंकालि की स्मृति से हमें सामाजिक असमानताओं को दूर कर केरल को एक समतापूर्ण समाज में बदलने की शक्ति मिले। सभी को अय्यंकालि जयंती की शुभकामनाएं।’’
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने ‘फेसबुक’ पोस्ट में कहा कि महात्मा अय्यंकालि केरल के इतिहास में ‘‘एक अद्वितीय नाम’’ हैं।
उन्होंने कहा कि वह एक क्रांतिकारी थे जिन्होंने जातिवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओ आर केलू ने कहा कि अय्यंकालि ने सामाजिक क्रांति की ‘गाड़ी’ को शाही सड़कों पर चलाया, जहां गरीबों और दबे-कुचले वर्ग के लोगों को चलने तक का अधिकार नहीं था।
मंत्री ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘उन्होंने ऐसे उच्च जाति के जमींदारों के खिलाफ निडरता से लड़ाई लड़ी, जिन्होंने एक कक्षा को आग के हवाले कर दिया था, जिसमें पुलायार समुदाय (केरल का एक प्रमुख अनुसूचित जाति संप्रदाय) की एक लड़की ने प्रवेश किया था।’’
भाषा खारी वैभव
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