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सोमवार, 9 जून, 2025
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केरल : पहाड़ी चट्टानों के बीच फंसे युवक को सेना ने बचाया

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पलक्कड़ (केरल), नौ फरवरी (भाषा) केरल के पलक्कड़ जिले के मलमपुझा में एक पहाड़ी पर चट्टानों के बीच करीब दो दिन से फंसे युवक को सेना के बचाव दलों ने बुधवार को सकुशल बचा लिया।

सेना के जवानों ने ट्रेकर बाबू को पहाड़ी से सुरक्षित निकालने से पहले भोजन और पानी मुहैया कराया था।

बचाव अभियान के बाद सेना की दक्षिणी कमान ने ट्वीट किया कि पलक्कड़ में दक्षिणी कमान ने एक साहसी अभियान के दौरान खतरनाक चट्टान पर फंसे ट्रेकर बाबू को सकुशल बचा लिया।

इसने कहा कि पहाड़ी पर चढ़ने के दौरान फिसलने के कारण जोखिम भरी खड़ी चट्टान में करीब 48 घंटे फंसे रहे ट्रेकर बाबू को भारतीय सेना के उच्च प्रशिक्षित दलों ने बचाने में कामयाबी पायी।

वहीं, टेलीविजन चैनल पर प्रसारित तस्वीरों में दिख रहा है कि सेना के जवान युवक की पहाड़ी से उतरने में मदद कर रहे हैं। सेना के इन विशेष दलों को इस तरह के बचाव कार्यों में विशेष दक्षता हासिल है और वे मंगलवार रात को बेंगलुरु से यहां पहुंचे थे।

तस्वीरों में दिख रहा है कि युवक को एक बचाव कर्मी ने खुद से बांध रखा था और उसे आराम देने के लिए बीच-बीच में रुक कर बचाव दल धीरे-धीरे उतर रहा था।

बाबू को सकुशल निकालने के बाद उसे पलक्कड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बाबू की मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने मीडिया से कहा कि उन्हें भरोसा था कि सेना बाबू को बचा लेगी।

सेना द्वारा जारी एक वीडियो में बचाव दल के सदस्यों के बीच बैठा बाबू बेहद खुश नजर आ रहा है और वह उन्हें धन्यवाद देता दिखाई दिया।

बाबू ने बचाव दल के सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा, ” भारतीय सेना का बहुत धन्यवाद।”

युवक को बुधवार पूर्वाह्न 10 बजकर आठ मिनट पर सेना के जवानों ने सुरक्षित निकाला और इसके साथ ही वृहद स्तर पर चले बचाव अभियान का समापन हुआ। यह राज्य में अपने तरह का पहला बचाव अभियान था, जिसमें स्थानीय निकाय, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, तटरक्षक शामिल थे और वायुसेना को तैयार रखा गया था।

उल्लेखनीय है कि बाबू सोमवार से ही पहाड़ी पर चट्टानों के बीच फंसा था।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, युवक ने अपने दो साथियों के साथ सोमवार को चेराड पहाड़ी की चढ़ाई करने की योजना बनाई, लेकिन उसके दोनों साथी आधे रास्ते से ही वापस आ गए। इसके बावजूद बाबू ने चढ़ाई करना जारी रखा और वहां पहुंचने पर उसका पैर फिसल गया और वह चट्टानों के बीच फंस गया।

भाषा शफीक अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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