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Wednesday, 1 May, 2024
होमदेशकेजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया, ईडी ने कहा- जांच में पूरी तरह 'असहयोग' कर रहे थे

केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया, ईडी ने कहा- जांच में पूरी तरह ‘असहयोग’ कर रहे थे

सोमवार को, जांच एजेंसी ने राउज़ एवेन्यू अदालत को यह कहते हुए केजरीवाल की 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत की मांग की कि मुख्यमंत्री पूछताछ के दौरान "पूरी तरह से असहयोग" किया था.

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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को अदालत से कोई राहत नहीं मिली क्योंकि उन्हें चल रहे आबकारी नीति मामले में 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को आम आदमी पार्टी नेता को 2021-2022 की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. एजेंसी ने उन्हें पिछले 10 दिनों से अपनी हिरासत में रखा था.

सोमवार को, जांच एजेंसी ने राउज़ एवेन्यू अदालत को यह कहते हुए केजरीवाल की 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत की मांग की कि मुख्यमंत्री पूछताछ के दौरान “पूरी तरह से असहयोग” किया था.

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मार्च में अपनी गिरफ्तारी से पहले ईडी द्वारा भेजे गए नौ समन को ”अवैध” बताते हुए उसे नजरअंदाज कर दिया था. इसके बाद ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में समन का अनुपालन न कर (गैर-अनुपालन) का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ दो आपराधिक शिकायतें दर्ज कीं. दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री को किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने से इनकार करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी के दो वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह पहले से ही हिरासत में हैं.

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केंद्रीय एजेंसी ने ट्रायल कोर्ट को बताया था कि केजरीवाल “दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले में प्रमुख व्यक्ति और मुख्य साजिशकर्ता थे, जिन्होंने अपराध के जरिए पैदा की गई इस आय को गोवा के चुनावों में इस्तेमाल किया.”

एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल – आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और इसकी राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में – “आखिरकार चुनावी खर्चों वाले धन को जेनरेट करने और उसका इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार हैं, और इस प्रकार वह “इस साजिश के दोषी” हैं.

ईडी ने कहा कि आबकारी नीति “साउथ ग्रुप” का पक्षपात करके तैयार की गई थी और इसे (पूर्व आप कम्युनिकेशन इंचार्ज) विजय नायर, (दिल्ली के डिप्टी सीएम) मनीष सिसौदिया और “साउथ ग्रुप” के प्रतिनिधियों की मिलीभगत से बनाया गया था.

एजेंसी ने गिरफ्तार किए गए “साउथ ग्रुप” के सदस्यों की पहचान बीआरएस नेता के. कविता, वाईएसआरसीपी सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव रेड्डी और अरबिंदो फार्मा के निदेशक, पी. सरथ रेड्डी के रूप में की है. कविता भी हिरासत में है.

ईडी के सूत्रों ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने न केवल रिश्वत की मांग की, बल्कि इस ग्रुप के पक्ष में मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट में बदलाव किया और 2022 के गोवा चुनावों में कथित तौर पर नकद और हवाला के माध्यम से आप को दिए गए 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया.

एजेंसी के सूत्रों ने दिप्रिंट को पहले बताया था कि उनके पास यह साबित करने के लिए ‘पर्याप्त सबूत’ और ‘अन्य आरोपियों के बयान’ हैं कि आम आदमी पार्टी के नेता ने राजधानी में शराब के कारोबार में लाभ के बदले कविता से 100 करोड़ रुपये मांगे थे.

ईडी की मनी-लॉन्ड्रिंग जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2022 में दायर एक मामले पर आधारित है जिसमें आबकारी नीति में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था. ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार जिक्र किया गया है.

इस बीच, विपक्षी गुट इंडिया, जिसमें आम आदमी पार्टी शामिल है, केजरीवाल और झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ लामबंद हो गया है. केजरीवाल की पत्नी, सुनीता केजरीवाल, गिरफ्तारी का विरोध करने और उनकी तत्काल रिहाई की मांग करने के लिए रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ शामिल हुईं.


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