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गुरूवार, 19 जून, 2025
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कीलाडी उत्खनन: पुरातत्वविद् रामकृष्ण का तबादला, द्रमुक सांसद ने की आलोचना

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नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) तमिलनाडु में कीलाडी उत्खनन का नेतृत्व करने के लिए जाने जाने वाले पुरातत्वविद् अमरनाथ रामकृष्ण को यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) मुख्यालय से “स्थानांतरित” कर दिया गया है और अब वह केवल राष्ट्रीय स्मारक एवं पुरावशेष मिशन (एनएमएमए) के निदेशक का प्रभार संभालेंगे।

इससे पहले, वह एएसआई मुख्यालय में निदेशक (पुरातत्व) के साथ साथ ग्रेटर नोएडा में एनएमएमए के निदेशक भी थे।

सत्रह जून के एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, रामकृष्ण को ‘तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक स्थानांतरित कर दिया गया है।”

रामकृष्ण ने कीलाडी उत्खनन पर हाल ही में एएसआई को सौंपी गई अपनी व्यापक रिपोर्ट का बचाव किया था। एएसआई संस्कृति मंत्रालय के तहत में आता है और इसका मुख्यालय दिल्ली में धरोहर भवन में है।

अधिकारी ने कहा, “यह नियमित प्रक्रिया है। महानिदेशक (एएसआई) के पास यह निर्णय लेने का विशेषाधिकार है कि किसे कौन सा विभाग दिया जाए। वह पहले से ही निदेशक के रूप में एनएमएमए का कार्यभार संभाल रहे थे।”

दस जून को केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि शिवगंगा जिले के कीलाडी में एक प्राचीन सभ्यता पर एएसआई के निष्कर्षों को मान्यता देने के लिए विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। उनके बयानों पर तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक के कुछ सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के राज्यसभा सदस्य पी विल्सन ने रामकृष्ण के तबादले की आलोचना की है।

उन्होंने कहा, “मैं पुरातत्वविद् थिरु अमरनाथ रामकृष्ण के अपमानजनक और सत्तावादी तबादले की कड़ी निंदा करता हूं, जिन्होंने अपने वर्तमान पद पर रहते हुए कीझाड़ी उत्खनन का नेतृत्व किया था।”

उन्होंने कहा, “यह सर्वविदित है कि कैसे भाजपा सरकार ने रामकृष्ण के निष्कर्षों को बदलने के लिए उन पर सभी मोर्चों पर दबाव डाला और उन्होंने झुकने से इनकार कर दिया। चूंकि रिपोर्ट को आधिकारिक रूप से जारी करने का दबाव बढ़ रहा था, इसलिए भाजपा उनके स्थान पर एक जी हुजूरी करने वाले व्यक्ति को लाने का प्रयास कर रही है जो रिपोर्ट को वापस ले लेगा और निष्कर्षों को महत्वहीन कर देगा।”

भाजपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

हालांकि, एएसआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह कदम किसी तरह की राजनीति से जुड़ा है, यह पूरी तरह से एक तकनीकी स्थानांतरण है जो विभाग के अंदर होता रहता है। यह पूरी तरह से एक आंतरिक तबादला है।’

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने 13 जून को आरोप लगाया था कि भाजपा ने विश्वसनीय सबूतों के बिना पौराणिक सरस्वती सभ्यता को बढ़ावा दिया, जबकि तमिल संस्कृति की प्राचीनता को खारिज कर दिया।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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