नई दिल्ली: हाल में कई विवादास्पद वीडियो के कारण चर्चा में रहे केदारनाथ मंदिर में मोबाइल फोन लेकर प्रवेश करने, फोटो लेने और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
मंदिर समिति केदारनाथ मंदिर परिसर में जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगा दिए है कि अगर कोई फोटो लेता या वीडियो बनाता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
#WATCH | Uttarakhand | Shri Badrinath-Kedarnath Temple Committee bans photography and videography inside Kedarnath Temple. The Temple committee puts up warning boards at various places on the Kedarnath temple premises, that if anyone is caught taking photos or making videos,… pic.twitter.com/c4AXVbRrtj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 17, 2023
इन बोर्ड में कहा गया है कि मंदिर परिसर में मोबाइल फोन लेकर प्रवेश न करें, मंदिर के भीतर किसी प्रकार की फोटोग्राफी तथा वीडियोग्राफी पूर्णत: वर्जित है और आप सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हैं.
कुछ अन्य बोर्ड में मंदिर और मंदिर परिसर में मर्यादित वस्त्र ही धारण करने को कहा गया है जबकि एक अन्य बोर्ड में कहा गया है कि मंदिर प्रांगण में तंबू या शिविर स्थापित करना दंडनीय अपराध है.
हिंदी और अंग्रेजी में लिखे इन बोर्ड में साफ तौर पर कहा गया है कि ऐसा करते पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
हाल में गढ़वाल हिमालय में स्थित केदारनाथ मंदिर में बनाए गए ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए जिन्हें लेकर तीर्थ पुरोहितों से लेकर आम श्रद्धालुओं और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने भी आपत्ति प्रकट की थी और धार्मिक स्थानों पर ऐसे कृत्यों को गलत ठहराया था.
एक वीडियो में जहां मंदिर परिसर में अपने पुरुष मित्र को नाटकीय अंदाज में घुटनों के बल बैठकर प्रपोज करती एक व्लॉगर दिखाई दी थी, वहीं एक अन्य वीडियो में मंदिर के गर्भगृह में एक महिला नोट उड़ाती दिखाई दी थी. इसके अलावा भी, कई लोगों को केदारनाथ मंदिर में रील बनाते देखा गया था.
केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय अजेंद्र ने एएनआई को बताया, ”पिछले दिनों कुछ तीर्थयात्री मंदिर के अंदर अभद्र तरीके से वीडियो और रील बना रहे थे और तस्वीरें भी खींच रहे थे…इसे सख्ती से लागू किया जाएगा, इसलिए चेतावनी दी गई है” केदारनाथ में बोर्ड भी लगाए गए हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि, “धार्मिक स्थल की एक गरिमा, मान्यताएं और परंपराएं होती हैं और श्रद्धालुओं को उसके अनुरूप ही आचरण करना चाहिए.”
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