श्रीनगर: अलगाववादियों द्वारा विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए श्रीनगर प्रशासन ने रविवार को शहर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिया है. अलगाववादियों ने जमात-ए-इस्लामी (जेई) के 150 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासिन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादियों के समूह संयुक्त प्रतिरोधी नेतृत्व ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.
पुलिस के मुताबिक, रैनावारी, नौहट्टा, खानयार, एम आर गंज और सफा कदल इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं. कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे शहर में राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस (सीआरपीएफ) के भारी दल तैनात किए गए हैं.
आपको बता दें, जेआई के प्रमुख अब्दुल हामिद फयाज समेत संगठन के कार्यकर्ताओं को दो दिन पहले कश्मीर घाटी में गिरफ्तार कर लिया गया था. अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक को भी शुक्रवार को ऐहतियातन हिरासत में ले लिया गया था.
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर जताई चिंता
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, ‘कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है, उस पर कश्मीर घाटी, खास तौर से शहरों और कस्बों में लोग कह रहे हैं कि कोई बड़ी मुसीबत जल्द आने वाली है. लोग खाना और ईंधन जमा कर रहे हैं. कुछ सरकारी आदेशों से लोगों में घबराहट देखी जा रही है.’
People in the valley, especially the cities & towns, are taking everything said or done as a sign that some big trouble is just around the corner. People are hoarding food & fuel. Some government orders are adding to the sense of panic.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 23, 2019
कल होगी अहम बैठक
इस बीच, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीन सेना प्रमुखों की सोमवार से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठकें होंगी, जिसमें पाकिस्तान के आतंक का पर्दाफाश करना, अहम मुद्दा होगा.
सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक आतंकवादी समूहों के साथ पाकिस्तान की मिलीभगत पर अधिकारियों को बेनकाब करें.
अलगाववाद का समर्थक रहा है जमात-ए-इस्लामी
जमात-ए-इस्लामी लंबे समय से भारत से जम्मू-कश्मीर के अलग होने और पाकिस्तान में जाने का समर्थन करता रहा है.
पार्टी की तरफ से मीडिया को जारी बयान में कहा गया है, ‘क्षेत्र में अनिश्चितता का माहौल बनाने के लिए सोची समझी साजिश रची गई है. आर्टिकल 35 ए के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ या उसको हटाना जम्मू-कश्मीर के लोगों को मंजूर नहीं है.’ वहीं अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने ट्वीट किया है, ‘कश्मीर के लोगों के खिलाफ ऐसे कदम बेबुनियाद साबित होंगे और इनसे जमीनी हकीकत में कोई बदलाव नहीं आएगा.’
Strongly Condemn the nocturnal crackdown on Jamat e Islami leadership and cadres and the arrest of Yasin Malik. Such illegal and coercive measures against Kashmiri’s are futile and will not change realities on ground. Force and intimidation will only worsen the situation.
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) February 23, 2019
(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)